काशी विश्वनाथ मंदिर में बदले दर्शन करने के नियम, प्रशासन ने लिए कई फैसले, जानिए पूरी डिटेल्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का भव्यतम लोकार्पण 13 दिसंबर 2021 को हुआ था। मंदिर का शुभारंभ करने के बाद यहां लगातार श्रद्धलुओं की भारी भीड़ बाबा के दर्शन करने को पहुंच रही है। नए साल में श्रद्धलुओं ने यहां पर पहुंचकर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। बाबा के दर्शन के लिए भारी भीड़ पहुंच रही है जिसे संभालना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। इसलिए मंदिर की व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को वीआईपी नियम और काशीवासियों के दर्शन का समय निर्धारित करना पड़ा गया है। इसके साथ ही वीआईपी दर्शन को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

विश्वनाथ बाबा के लोकार्पण के बाद पूरी तरह से स्थितियां बदल गई हैं। सामान्य दिनों में भी काशी विश्वनाथ बाबा के दर्शन के लिए प्रतिदिन 60 से 70 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। लेकिन श्रद्धलुओं की भक्ति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते 1 जनवरी या नए साल को 5 लाख लोगों ने बाबा के दर्शन किए थे, इस दिन सारे रिकॉर्ड टूट गए थे। श्रद्धालुओं की भीड़ अचानक बढ़ गई जिसके बाद से बनारस के चौक, बांसफाटक, गौदोलिया, गिरजाघर में भीषण जाम की स्थिति हो गई है। ऐसे में मन्दिर प्रशासन ने रविवार को एडवाइज़री जारी कर वीआईपी दर्शन में बदलाव और काशीवासियों से अपील कर उनके लिए समय निर्धारित कर दिए है। मंदिर प्रशासन द्वारा यह फैसला कोरोना के संक्रमण को बढ़ने से रोकने का भी है क्योंकि मंदिर के अंदर भी भीड़ ज्यादा हो रही है।

मन्दिर प्रशासन ने वीआईपी दर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है। यह रोक अगले आदेश तक लागू रहेगा। इसके साथ ही काशीवासियों से अपील की गई है कि सुबह 7 बजे से 2 बजे तक दर्शन न करें। काशीवासी दोपहर 2 बजे के बाद दर्शन पूजन कर सकते हैं। इसके अलावा दो पहिया, चार पहिया वाहन को गौदोलिया पर ही रोक लगा दी गई है। श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला अब भी जारी है। काशी नगरी में ऐसा पहली बार हुआ है कि नए साल का जश्न लोग मनाने के लिए लाखों की संख्या में काशी पहुंचे हैं।

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