उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु देश भर से इन दिनों अग्नि कांड के ढेरों मामले सामने आ रहे हैं। आखिरकार ऐसी कौन सी लापरवाही बरती जा रही है, जिसका परिणाम अग्नि कांड में तब्दील हो जा रहा है। अभी पिछले सप्ताह शनिवार को सहारन पुर से आगजनी का एक मामला सामने आया है, जहां शाम को एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण धमाका होने के कारण 5 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई थी।

दरअसल उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक और पटाखा गोदाम में सुबह जबरदस्त धमाका होने की खबर सामने आई है। विस्फोट के कारण गोदाम छत उड़ गई। विस्फोट इतना भयानक था कि इसका गूंज दूर तक सुनाई पड़ी। इस गूंज से इलाके में दहशत फैल गई। विस्फोट के कारण हुए आगजनी में कई लोग झुलस गए। सूचना मिलने पर अग्निशमन और पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में लग गए।
बता दें कि मंगलवार को नहटौर थाना के अंतर्गत आने वाले नूरपुर रोड स्थित वीके इंटरनेशनल स्कूल के पास हादसा उस वक्त हुआ जब एक पटाखा गोदाम में अचानक आग लग गई। आग लगने से गोदाम में भयंकर विस्फोट हुआ। फिस्फोट की गूंज से पूरा नगर दहल उठा। हादसे से लोगों मे दहशत का माहौल है। बताया जा रहा है कि अंदर पटाखे बनाने का काम किया जा रहा था।
इस मामले को लेकर एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह का कहना है की नहटौर में मुबारक हुसैन और शाहिद हुसैन दो भाइयों की पटाखा भंडारण और बनाने की दुकान है। सुबह दुकान में शॉर्ट -सर्किट होने के कारण आग लग गई। मौके पर दमकल और पुलिस की टीम ने आग पर काबू पा लिया है। किसी जनहानि की सूचना नहीं है। दुकान के लाइसेन्स व अन्य सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि हर दिन कहीं अस्पताल, दुकान, फैक्ट्री, विभाग, होटल, रेस्तरां और मील इत्यादि जगहों से आगजनी की खबरें आती रहती हैं। ऐसे उद्यमों या संस्थानों को बनाते या खोलते वक्त कई मानकों को ध्यान में रखा जाता है, जिनमें से अग्नि शमन के मानक को भी ध्यान में रखा जाता है, ताकि भविष्य में बड़ी आगजनी से बचा जा सके।
आग लगने की संभावना को ध्यान में रखते हुए जिम्मेदार विभागों का कर्तव्य होता है कि वो अपने दायरे में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों व कल कारखानों में जाकर जांच परख करते रहें और लापरवाही पाए जाने पर उक्त संस्थान या कल-कारखानों के मालिक के खिलाफ उचित कार्रावाई करें।
पर लाचारी की बात यह कि आज इन मुद्दों पर बात या चर्चा करने के लिए किसी के पास फुर्सत ही नहीं है। यदि कहीं आगजनी हो जाती है, तब जाकर जिम्मेदार अधिकारियों की नींद खुलती है, और उसी परंपरागत अंदाज में औपचारिकताओं की पुष्टि की जाती है।