कभी दो सीटों पर संतोष करने वाली पार्टी आज मना रही स्थापना दिवस, पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं दी बधाई

दिलीप कुमार

आज देश भर में बीजेपी कार्यकर्ता पूरे हर्षोल्लास के साथ बीजेपी के 42वें स्थापना दिवस मना रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार यानी आज प्रधान मंत्री मोदी ने देश की राजधानी दिल्ली में बीजेपी स्थापना दिवस के मौके पर बीजेपी कार्यकर्ताओं, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को संबोधित किया।

उन्होंने इस संबोधन के दौरान कहा कि तीन-चार पीढ़यों ने खुद को खपाकर भाजपा को यशस्वी पार्टी बनाया है। आज बीजेपी एक भारत और श्रेष्ठ भारत के मंत्र पर चल रही है। चार राज्यों में बीजपी की डबल इंजन की सरकार लौटी है।

उन्होंने बीजेपी के 42वें स्थापना दिवस के महत्ता को बताते हुए कहा कि इस बार का स्थापना दिवस तीन कारणों से अहम है। पहला कारण इस समय हम देश की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। दूसरा कारण तेजी से बदलती हुई वैश्विक परिस्थितियां भी हैं। तीसरा सबसे बड़ा कराण यह है कि भारत के लिए नए अवसर लगातार आ रहे हैं।

उन्होंने इस संबोधन के दौरान विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि दशकों तक कुछ राजनीतिक दलों ने केवल वोट बैंक की राजनीति की। उनके शासन काल में ज्यादातर लोगों को तरसा कर रखा गया। उन्होंने बीजेपी के नीतियों को श्रेष्ठ बताते हुए कहा कि बीजेपी वोटबैंक की राजनीति को टक्कर दी है। बीजेपी देश के लोगों को वोटबैंक राजनीति से हो रहे नुकसान के बारे में बताने में कामयाब रही है।

पीएम मोदी ने अपने भाषण में खुद को श्रेष्ठ बताने और बिना नाम लिए कांग्रेस के नाम आंसू बहानें में एक रत्ती भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने आगे कहा कि हम देश के विकास के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं लेकिन पारिवारवादियों ने देश को आगे बढ़ने नहीं दिया। देश भी परिवारवादी पार्टियों को समझ रहा है। बीजेपी का महासंहर्ष चलता रहेगा क्योंकि परिवारवादी दलों ने युवाओं को आगे बढ़ने नहीं दिया। उनके साथ विश्वासघात किया।

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान अपने सर भगवा टोपी धारण किए हुए थे। उनके साथ वहां मौजूद पदाधिकारी समेत तमाम जनप्रतिनिधियों ने भी भगवा टोपी पहने हुए थे।

गौरतलब है कि बीजेपी अपने स्थापना दिवस से लेकर कुल 14 दिनों तक सामाजिक न्याय पखवाड़ा मना रही है। पार्टी ने इस दौरान कई कार्यक्रमों को आयोजित करने का फैसला लिया है। यह पखवाड़ा 20 अप्रैल तक चलेगा। इसी बीच 14 अप्रैल को पड़ रहे आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी 1980 में जनता पार्टी के विघटन के बाद नवनिर्मित में से एक थी। यद्यपि तकनीकी रूप से यह जनसंघ का ही दूसरा रूप था, इसके अधिकतर कार्यकर्ता इसके पूर्ववर्ती थे और वाजपेयी को इसका प्रथम अध्यक्ष बनाया गया।

इतिहासकार रामचंद्र गुहा के अनुसार जनता सरकार के भीतर गुटीय युद्धों के बावजूद, इसके कार्यकाल में आरएसएस के प्रभाव को बढ़ते हुए देखा गया। आरएसएस को 1980 के पहले सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप में चिन्हित किया गया था। इस समर्थन के बावजूद बीजेपी ने शुरूआत में अपने पूर्ववर्ती हिंदू राष्ट्रवाद का रूख किया, जिसका व्यापक प्रसार किया।

बीजेपी की यह रणनीति असफल रही और 1984 के लोकसभा के चुनाव में भाजपा को केवल दो लोकसभा सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। चुनावों से कुछ समय पहले ही इंदिरा गांधी की हत्या होने के बाद भी बीजेपी में कोई सुधार नहीं दिखा और कांग्रेस रिकार्ड तोड़ सीटों के साथ चुनाव जीत गई।

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