
चमोली। एक तरफ प्रदेश सरकार जीरो टारर्लेंस सरकार का दावा कर रही है वंही घाट ब्लाक में सरकार के इस दावे पर बट्टा लगाया जा रहा है,ताजा मामला चमोली जिले के घाट ब्लॉक में मनरेगा योजना में करीब बीस लाख रुपये की अनियमितता प्रकाश में आई है। सामाजिक अंकेक्षण, जवाबदेही एवं पारदर्शिता अभिकरण की ओर से घाट ब्लॉक के गांवों में डोर टू डोर की गई मनरेगा के सोशल ऑडिट में यह बात सामने आई है।
दरअसल घाट विकास खंड में 54 ग्राम पंचायतें हैं। सामाजिक अंकेक्षण, जवाबदेही एवं पारदर्शिता अभिकरण की ओर से चालू वर्ष के जनवरी माह में ब्लॉक के लांखी, भेंटी, बूरा, वादूक, उस्तोली, स्यांरी-बंगाली, मटई, चरबंग, मोख मल्ला और रामणी गांव में मनरेगा कार्यों का सामाजिक और भौतिक सत्यापन किया गया था ,जिसमे सबसे अधिक वित्तीय अनियमितता विकासखंड घाट के लांखी गांव में मिली है।
वहीं विकासखंड की कुछ ग्राम पंचायतों में बिना कार्य आदेश के धन राशि की स्वीकृति दी गई है, जो कि मनरेगा एक्ट का उल्लंघन है। अधिकांश गांवों में मजदूरों को किए गए भुगतान को जॉब कार्ड में दर्शाया नहीं गया है।
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जिसके बाद शासन ने आडिट टीम की रिपोर्ट के बाद खण्ड विकास अधिकारी को सम्बन्धित दोषियों से सरकारी कार्यो में अनिमियता के पर कार्यवाही करने और वसूली करने के लिखित निर्देश दिए है।
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वहीं मुख्य विकास अधिकारी चमोली हंसादत्त पाण्डेय का कहना है की घाट ब्लॉक के गांवों में मनरेगा योजना के तहत हुए कार्यों में भारी वित्तीय अनमियाता का मामला मेरे संज्ञान में नही है । लेकिन अगर ऐसा मामला प्रकाश में आया है तो संबंधित अधिकारी और प्रतिनिधि से धनराशि की वसूली की जाएगी।