गरीबों की जीवनदायनी लड़ रही अपनी ही जिंदगी की जंग

रिपोर्ट- बृजेंद्र राजपूत

महोबा। उत्तर प्रदेश सरकार की स्वास्थय सेवाओं का हाल दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। गांव से नगर और सड़क पर जिंदगी की जंग लड़ रहे आम मरीजों की जीवनदायनी सरकारी एम्बुलेंस वाहन आज खुद ही जिंदगी की जंग लड़ रही है। हालात यह है कि मरीजों को ले जाने वाली सरकारी एंबुलेंस सेवाएं आम नागरिकों को नही मिल पा रही है। नतीजतन यह एम्बुलेंस सेवाएं मरीजों के बीच मजाक बनकर रह गयी है।

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मामला महोबा जिले की स्वास्थ सेवाओं से जुड़ा है जहाँ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही सरकारी एम्बुलेंस सेवा तमाम हादसों के बाद लोगों की जीवनदायिनी होती थी मगर आज स्वास्थ सेवाओं में महोबा जिले की हालत बेहद खराब हो चली है। हालात यह है कि बीमार लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है। 3 से 5 घंटे के बाद भी एम्बुलेंस सेवा नही मिल पा रही है। जिसके चलते परेशान मरीज के तीमारदार प्राइवेट एम्बुलेंस सेवा लेने को मजबूर हो रहे है।

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महोबा सीएमओ कैम्पस में खड़ी सरकारी एम्बुलेंस वाहनों में करोड़ो रुपयों की लागत से खड़ी दो दर्जन एम्बुलेंस सेवाओं के वाहन खुले आसमान के नीचे बर्बाद हो रहे है। अधिकतर वाहनों के टायर जबाब दे चुके है।तो कुछ वाहन मिट्टी की आगोश में समाकर जमीदोज हो रहे है। रखरखाव के अभाव में वाहनों के नीचे चारा जमने लगा है तो वही दूसरी ओर गांव का गरीब और असहाय व्यक्ति को प्राइवेट एम्बुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है। गरीब की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ने से वह परेशान हो रहा है।

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