न्यायपालिका की बुनियादी जरूरतों पर 3320 करोड़ रुपए खर्च करेगी केंद्र सरकार

न्यायपालिकानई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को न्यायपालिका की बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र-प्रायोजित परियोजनाओं को 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद भी 31 मार्च 2020 तक जारी रखने के फैसले को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्रकारों को बताया कि न्यायपालिका की बुनियादी सुविधाओं के विकास पर 3,320 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी और इसे एक मिशन के रूप में नेशनल मिशन फॉर जस्टिस डिलीवरी एंड लीगल रिफॉर्म्स के माध्यम से पूरा किया जाएगा।

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प्रसाद ने कहा, “इससे देश में न्यायपालिका के कार्य निष्पादन में सुधार लाने में मदद मिलेगी।”

उन्होंने बताया कि विधि विभाग की ओर से जियो-टैगिंग के साथ एम ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम यानी निगरानी तंत्र स्थापित करने को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है।

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निगरानी की इस व्यवस्था के जरिये प्रगति बनकर तैयार हुए न्यायापालिका भवन व निर्माणाधीन आवासीय इकाइयों के साथ-साथ बेहतर परिसंपत्ति प्रबंधन आदि से संबंधित आंकड़ों का संग्रह किया जाएगा।

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