छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में दस नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कम से कम दस नक्सली मारे गए। एक अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ सुबह भेज्जी पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में एक जंगल में शुरू हुई, जब सुरक्षाकर्मियों की एक टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी।

भेज्जी पुलिस स्टेशन से लगभग 10 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में भंडारपदर गांव के पास वन क्षेत्र में दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी (डीवीसी) के माओवादियों के साथ मुठभेड़ के बाद सुरक्षाकर्मियों ने एक एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल और एक एसएलआर राइफल भी बरामद की।

केंद्रीय गृह मंत्री ने इस वर्ष अगस्त में घोषणा की थी कि मार्च 2026 से पहले देश में वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। यह मार्च 2026 से पहले वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह से समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।

बस्तर में मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए

इससे पहले 18 नवंबर को सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के बस्तर कांकेर क्षेत्र में पिछले सप्ताह पांच नक्सलियों को मार गिराया था। नक्सलियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि ये नक्सली वरिष्ठ कैडर के थे जिन पर कुल 28 लाख रुपये का इनाम था।

पुलिस ने दावा किया कि इन नक्सलियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। शनिवार को नारायणपुर-कांकेर अंतर-जिला सीमा पर अबूझमाड़ इलाके में संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में ये नक्सली मारे गए।

अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने मुठभेड़ स्थल से एक एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल), एक इंसास राइफल, एक 12 बोर राइफल और एक .315 बोर राइफल, एक बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की है।

जनवरी 2024 से अब तक 257 नक्सली मारे गए

जनवरी 2024 से अब तक कुल 257 नक्सलियों को मार गिराया गया है, 861 को गिरफ्तार किया गया है और 789 ने आत्मसमर्पण किया है। नक्सली हिंसा के कारण होने वाली मौतों में उल्लेखनीय कमी आई है, जो 2010 में 1,005 मौतों के शिखर से 90 प्रतिशत कम होकर सितंबर 2024 तक केवल 96 रह गई है। उल्लेखनीय है कि चार दशकों में पहली बार 2022 में मौतों की संख्या 100 से नीचे आ गई है।

सुरक्षा बलों ने 14 शीर्ष नक्सल नेताओं को सफलतापूर्वक निष्प्रभावी कर दिया है और 2019 से 279 नए शिविर स्थापित करके पूर्व माओवादी गढ़ों में सुरक्षा शून्यता को दूर किया है, जिससे सुरक्षा ग्रिड मजबूत हुआ है।

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