हैरतअंगेज… सैनिटरी पैड्स को उबालकर ड्रग्स जैसा नशा कर रहे लोग!

आमतौर पर युवा नशे की तरफ बहुत जल्द आकर्षित हो जाता है। जोकि बाद में उसके लिए लत बन जाती है। और यहीं से उसके लिए यह नशा जानलेवा रुख अख्तियार कर लेती है।

सैनिटरी पैड्स

वैसे तो आपने बहुत से नशे के बारे में सुना होगा। लेकिन आज हम जिस नशे के बारे में बताने जा रहे हैं। उसके बारे में शायद ही सुना हो। जी हां… ऐसे नशे में बारे में आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

दरअसल, टीनेजर्स के बीच एक ऐसा खतरनाक ट्रेंड चल पड़ा है, जिसके बारे में पढ़कर पहली बार में आपको यकीन ही ना हो। टीनेजर्स सैनेटरी पैड्स और टैम्पून्स उबालकर नशा कर रहे हैं।

जी हाँ… आपने बिलकुल सही पढ़ा है। इंडोनेशिया में युवा इस्तेमाल किए हुए और बिना इस्तेमाल किए हुए टैम्पून्स और पैड्स से नशा कर रहे हैं।

इंडोनेशिया के स्थानीय अखबारों-जकार्ता पोस्ट, जावा पोस और पोस बेलिटुंग में पिछले सप्ताह से इस नए ट्रेंड के बारे में लगातार रिपोर्ट्स छप रही हैं।

इंडोनेशिया नैशनल ड्रग एजेंसी (BNN) के अनुसार, सैनिटरी पैड फॉर्मूला को पीने से लोगों को नशे और बेसुध होने का एहसास होता है। इसके लिए प्रोडक्ट में मौजूद क्लोरीन जिम्मेदार है।

बीएनएन के अध्यक्ष सीनियर कमांडर सुप्रिनार्टो ने बातचीत में बताया कि वे जिस प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह लीगल है लेकिन इसे जिस उद्देश्य के लिए बनाया गया है, उस रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, जो सही नहीं है। इसे ड्रग की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने बताया, कूड़े-कचरे से उठाए गए सैनिटरी पैड्स को लोग उबलते पानी में डाल देते हैं।  ठंडा होने पर वे इस लिक्विड को साथ बैठकर पीते हैं।

ख़बरों के मुताबिक, जकार्ता की राजधानी जावा से कई लोगों को सैनिटरी पैड्स से नशा करते पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया है।

बेलिटुंग द्वीप के 14 साल के एक बच्चे ने बताया, ‘पैड का रैपर हटाकर इसे एक घंटे तक उबाला जाता है और उसके बाद इसे एक कंटेनर में निचोड़कर लिक्विड रख लिया जाता है।’

इसका स्वाद कड़वा होता है। लेकिन यहां दिन भर बच्चे और युवा इस लिक्विड को पीते रहते हैं।

फिलहाल, इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है। कुछ बच्चे मच्छरों से बचने के लिए बनाए गए पेस्ट और कोल्ड सीरप का नशे की तरह इस्तेमाल करते हैं, इन्हें रोकने के लिए भी कोई कानून नहीं है।

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ख़बरों के मुताबिक, इस तरह की गतिविधियों में लिप्त अधिकतर बच्चे वंचित तबकों से हैं और कई तो सड़कों पर रहने वाले हैं।

इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वे इस बात की जांच करेंगे कि टैम्पून्स और पैड्स में कौन से कैमिकल्स हैं, जिससे इतना नशा होता है.

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हो कुछ भी। लेकिन वाकई में यह सोचने का विषय है।

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