सुप्रीम कोर्ट की योगी सरकार को फटकार, कहा- ताज पर जल्द पेश करें विजन डॉक्यूमेंट

आगरा। ताज महल पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए उसके संरक्षण और आस-पास के वातावरण को सुधारने के लिए विज़न डॉक्यूमेंट पेश करने का निर्देश जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है कि ताज के आस-पास चमड़ा उद्योग और होटल खुलने का क्या कारण है।

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने ताज के लिए विजन डाक्यूमेंट देने के लिए सरकार को चार हफ्ते का वक्त दिया है। चार हफ्ते के बाद मामले की दोबारा सुनवाई की जाएगी।

यह भी पढ़ें:- अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने बढाई तारीख, अब 14 मार्च को होगी सुनवाई

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने आगरा शहर में 234 पेड़ काटने की इजाजत नहीं दी। सरकार इन पेड़ों को काटकर पानी की पाइपलाइन बिछाने की योजना बना रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार पहले ये बताए कि अभी तक इलाके में कितने पेड़ लगाए हैं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले भी सुनवाई करते हुए कह चुका है कि योगी सरकार ऐसा विज़न तैयार करे जिससे ताजमहल 100 सालों तक सुरक्षित रहे। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को कहा कि ताज ट्रैपिजियम ज़ोन जो 6 जिलों में फैला हुआ है। इसमें आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिला और राजस्थान के भरतपुर शामिल है। उसको संरक्षित करने के लिए विज़न डॉक्यूमेंट भी दे।

यह भी पढ़ें:-UP के बजट सत्र में बोले राज्यपाल, कहा- उपेक्षित वर्गों के लिए काम कर रही सरकार

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पर्यावरणविद् एम. सी. मेहता ने याचिका दायर की थी। जिसमे एम. सी. मेहता का कहना है कि ताज ट्रैपिजियम ज़ोन पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है, और सरकार को ताज के संरक्षण के लिए एक व्यापक नीति पेश करनी चाहिए।

देखें वीडियो:-

LIVE TV