सुंदरकाण्‍ड करें रोज जाप, मिटेंगे सब कष्ट, भरेगा खुशियों से जीवन

सुंदरकाण्‍डज्योतिष के अनुसार सुंदरकाण्‍ड मन की शांति का एक अचूक उपाय है। यह पाठ ज्योतिषो के द्वारा उपाय के तौर पर अक्सर बताया जाता है। ये उन लोगो के लिए ये विशेष फलदाई होता है जिनकी जन्म कुंडली में मंगल नीच का है। पाप ग्रहों से पीड़ित है, पाप ग्रहों से युक्त है या उनकी दृष्टि से दूषित हो रहा है, मंगल में अगर बल बहुत कम हो, अगर जातक के शरीर में रक्त विकार हो। अगर आत्मविश्वास की बहुत कमी हो, अगर मंगल बहुत ही क्रूर हो तो भी ये पाठ आपको निश्चित राहत देगा।

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अगर लग्न में राहु स्थित हो, लग्न पर राहु या केतु की दृष्टि हो। लग्न शनि या मंगल के दुष्प्रभावो से पीड़ित हो। मंगल अगर वक्री हो या गोचर में मंगल के भ्रमण से अगर कोई कष्ट आ रहे हो। शनि की साढ़े साती या ढैय्या से आप परेशान हो, इत्यादि।

इन सभी योगो में सुन्दरकाण्ड का पाठ अचूक फल दायक माना जाता है। इसके अतिरिक्त सुन्दरकाण्ड के पाठ से घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन और नकारात्मक ऊर्जा का क्षरण होता है, जिससे चहुमुखी सुख सम्पनता में अधिकाधिक वृद्धि होती है।

सुन्दरकाण्ड का नित्यप्रति पाठ करना हर प्रकार से लाभ दायक होता है, इसके अनंत लाभ है। इस पाठ को हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक लगा कर करने से अधिक फल प्राप्त होता है। सुन्दरकाण्ड एक ऐसा पाठ है जो की हर प्रकार की बाधा और परेशानियों को खतम कर देने में पूर्णतः समर्थ है। आप इसे रोज नहीं कर सकते हैं। तो आप इसे मंगलवार कर सकते हैं।

इस बात का विशेष ध्यान रखना बहुत जरुरी है कि आपका पाठ जब तक चले न तो मांस मदिरा का सेवन करे न ही अपने घर में मांस मदिरा लाएं। जब तक पाठ हो आपको ब्रह्मचर्य और सदाचार का पालन करना चाहिए। क्योकि हनुमान जी परम सात्विक देवता हैं।

सुंदरकाण्‍ड के पाठ से मिलता है धार्मिक लाभ

हनुमानजी की पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली मानी गई है। बजरंग बली बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। शास्त्रों में इनकी कृपा पाने के कई उपाय बताए गए हैं, इन्हीं उपायों में से एक उपाय सुंदरकाण्‍ड का पाठ करना है। सुंदरकांड के पाठ से हनुमानजी के साथ ही श्रीराम की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। किसी भी प्रकार की परेशानी हो, सुंदरकांड के पाठ से दूर हो जाती है। यह एक श्रेष्ठ और सबसे सरल उपाय है। इसी वजह से काफी लोग सुंदरकाण्‍ड का पाठ नियमित रूप करते हैं।

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ध्यान रखें ये सामान्य नियम
1. हनुमानजी की तीन परिक्रमा करने का विधान है। भक्तों को इनकी तीन परिक्रमा ही करनी चाहिए।
2. दोपहर के समय बजरंग बली को गुड़, घी, गेहूं के आटे से बनी रोटी का चूरमा अर्पित किया जा सकता है।
3. हनुमानजी को शाम के समय फल जैसे आम, केले, अमरूद, सेवफल आदि का भोग लगाना चाहिए।
4. सुंदरकांड का पाठ करते समय हनुमानजी को सिंदूर, चमेली का तेल और अन्य पूजन सामग्री भी अर्पित करना चाहिए।

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