सूर्य को अर्घ्य देते वक्त बोलें ये मंत्र, मान-सम्मान के साथ मिलेगा वैभव
हिंदू धर्म में सूर्य आराधना को बेहद खास माना गया है. सूर्य की पूजा पुराने समय से होती आ रही है. सूर्य की पूजा से यश मिलता है. साथ ही मान-सम्मान भी बढ़ता है. यदि जीवन में सफलता के साथ ही यश और वैभव पाना चाहते हैं तो बिना सूर्य देव की कृपा के ये संभव नहीं है. ऐसे ही दो मंत्र हैं, जिन्हें रोज बोलकर सूर्य को अर्घ्य देने से सूर्य देव की कृपा मिलती है.
सूर्य अर्घ्य देने की विधि
सूर्योदय से पहले शुद्ध होकर स्नान करें.
उसके बाद उदित होते सूर्य के समक्ष आसन लगाए.
आसन पर खड़े होकर तांबे के पात्र में पवित्र जल लें.
उसी जल में मिश्री भी मिलाएं. सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से जन्मकुंडली के दूषित मंगल का उपचार होता है.
मंगल शुभ हो तब उसकी शुभता में वृद्धि होती है.
जैसे ही पूर्व दिशा में सूर्यागमन से पहले नारंगी किरणें दिखाई दें. दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़कर इस तरह जल चढ़ाएं कि सूर्य जल चढ़ती धार से दिखाई दें.
सूर्य अर्घ्य मंत्र
ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ नमो भास्कराय नम:।
अर्घ्य समर्पयामि।।
सूर्य ध्यान मंत्र
ध्येय सदा सविष्तृ मंडल मध्यवर्ती।
नारायण: सर सिंजासन सन्नि: विष्ठ:।।
केयूरवान्मकर कुण्डलवान किरीटी।
हारी हिरण्यमय वपुधृत शंख चक्र।।
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाधुतिम।
तमोहरि सर्वपापध्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम।।
सूर्यस्य पश्य श्रेमाणं योन तन्द्रयते।