अस्पताल के कर्मचारियों और छात्रों के बीच हुआ बवाल, धरने पर बैठे छात्र

रिपोर्ट- सईद राजा

इलाहाबाद। एक प्राइवेट अस्पताल में छात्रों और डॉक्टर के स्टाफ के बीच मामूली कहासुनी के बाद देर रात तक डॉक्टर के स्टाफ और छात्रों के बीच जमकर हंगामा हुआ। आरोप है की डॉक्टर के स्टाफ़ ने छात्रों को मारपीट कर अस्पताल परिसर से बाहर निकाल दिया। इस बात से खफा छात्रों ने अपने और साथियों को लेकर अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए। भारी संख्या में पहुंचे छात्रों ने डॉक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जिला प्रशासन से डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही करने की बात पर अड़ गये।

छात्र

धरने पर बैठे छात्रों का कहना है की सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कैसे कर रहे हैं। इस डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए और तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे जब तक डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो जाती। अस्पताल के सामने धरने पर बैठे भारी संख्या में छात्र डॉक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी करना शुरू कर दिए। देखते ही देखते काफी संख्या में छात्रों की भीड़ इकट्ठा हो गई। मौके पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष के अलावा कई अन्य छात्रसंघ के पदाधिकारी भी पहुंच गए।

बता दें की इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता अजीत यादव और अखिलेश गुप्ता अपने एक रिश्तेदार को अस्पताल देखने पहुंचे थे। जहां पर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में जाने से पहले डॉक्टर ने छात्रों से कहा कि आप जूता पहन के अंदर ना जाइए। बस इसी बात पर छात्रों ने डाक्टर से कह दिया की आप भी तो जूता पहने हैं। फिर क्या था यह बात डॉक्टर को बुरी लगी और उनसे कहा सुनी शुरू हो गई। उसके बाद डॉक्टर के स्टाफ ने दोनों छात्रों को मारपीट कर अस्पताल से बाहर निकाल दिया.दोनों छात्र नेताओं ने अपने और साथियों को बुला लिया और अस्पताल के सामने जमकर नारेबाजी कर हंगामा करने लगे।

मौके पर हंगामे को देखते हुए कई थानों की फोर्स और SP सिटी के अलावा इलाहाबाद के सीएमओ पहुंचे और देर रात छात्रों को समझा-बुझाकर किसी तरह धरने पर बैठे छात्रों को शांत कराया। आला अधिकारियों के आश्वासन के बाद डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की बात पर छात्र माने और अपना धरना समाप्त किया। वहीं इस मामले पर SP सिटी का कहना है की छात्रों के तरफ़ से तहरीर दी जा चुकी है और जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कारवाई की जाएगी। छात्रों ने कई आरोप लगाए हैं। मौक़े पर पहुंचे सीएमओ को भी छात्रों ने अस्पताल परिसर में छात्रों के साथ हुई बदसलूकी की वज़ह को बताया है।

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आला अधिकारियों के आश्वासन के बाद देर रात छात्रों का हंगामा तो खत्म हो गया। लेकिन वहां से हटे छात्रों का यह साफ कहना है की जब तक डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही नहीं होती तब तक हम लोग उस डॉक्टर के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। क्योंकि आरोपी सरकारी डॉक्टर है और प्राइवेट प्रैक्टिस करता है। जिसके हम लोग खिलाफ हैं। फिलहाल इस मामले में दोनों ओर से गलतियां मानी जा रही है। लेकिन दोनों एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिए हैं। देखने वाली बात यह होगी की जिला प्रशासन इन दोनों के बीच का मतभेद कैसे समाप्त करता है और किसके खिलाफ किस तरह की कार्रवाई करता है।

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