शिवसेना (यूबीटी) बीएमसी चुनाव में अकेले उतर सकती है, संजय राउत का बयान
अविभाजित शिवसेना ने 1997 से 2022 तक लगातार 25 वर्षों तक नकदी-समृद्ध बीएमसी को नियंत्रित किया। बीएमसी के पिछले निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च 2022 की शुरुआत में समाप्त हो गया, और अब लगभग तीन वर्षों के लिए नए चुनाव होने हैं।
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में सबकुछ ठीक नहीं होने का संकेत देते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शनिवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव में अकेले चुनाव लड़ सकती है। पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता स्थानीय निकाय चुनावों में संगठन को अकेले चुनाव लड़ने पर जोर दे रहे हैं, क्योंकि लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार अधिक उम्मीदवार हैं।
उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे और अन्य पार्टी नेताओं के बीच बीएमसी चुनावों के लिए (अकेले लड़ने के बारे में) बातचीत चल रही है। कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी अकेले चुनाव लड़े।”
अविभाजित शिवसेना ने 1997 से 2022 तक लगातार 25 वर्षों तक नकदी-समृद्ध बीएमसी को नियंत्रित किया। बीएमसी के पिछले निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च 2022 की शुरुआत में समाप्त हो गया, और अब लगभग तीन वर्षों के लिए नए चुनाव होने हैं।
राउत ने कहा कि मुंबई में पार्टी की ताकत निर्विवाद है। उन्होंने कहा, “अगर हमें मुंबई में (विधानसभा चुनावों के दौरान) लड़ने के लिए ज़्यादा सीटें मिलतीं, तो हम जीत जाते।” उन्होंने दावा किया कि मुंबई को जीतना ज़रूरी है, नहीं तो शहर महाराष्ट्र से अलग हो जाएगा।
शिवसेना ने मुंबई में 24 सीटों पर चुनाव लड़ा और 10 पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने 10 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और चार पर जीत हासिल की, तथा एनसीपी (सपा) ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा और हार गयी। उन्होंने कहा, “यहां तक कि जब (अविभाजित) शिवसेना भाजपा के साथ गठबंधन में थी, तब भी हमने बीएमसी और अन्य नगर निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़े थे। हम ऐसा करने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पुणे, पिंपरी-चिंचवाड़ और नासिक नगर निकायों में एमवीए मौजूद रहेगा।”