शिया बोर्ड अध्यक्ष विवादित बयान, कहा- एक-दो को छोड़ बाकी सभी मुग़ल शासक थे अय्याश
लखनऊ। अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर आये दिन नए-नए राजनीतिक बयान सामने आ रहे हैं। कोई मंदिर बनाने की वकालत करता है तो कोई मस्जिद की। आस्था के प्रतीक इस मुद्दे पर कोर्ट ने भी आपसी विचार विमर्श को तवज्जो देते हुए सुलझाने का आदेश दिया है। इसके बावजूद बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी अब अयोध्या को लेकर धीरे-धीरे मजबूत होते जा रहे हैं। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर स्थापना के पक्ष में खड़े रिजवी ने अधिकांश मुगल शासकों को अय्याश बताया है। उन्होंने कहा कि देश में मुगल शासन के दौरान एक या दो को छोड़कर बाकी सभी शासक अय्याश थे।
रिज़वी के मुताबिक अपनी अय्याशी के कारण इन लोगों ने अंग्रेजों को देश में घुसने की छूट दी थी। इसके बाद अंग्रेजों ने क्या ज़ुल्म ढाया यह किसी से छुपा नहीं है।
Sad that Ram statue construction is being opposed, it's a good step as Ayodhya is centre of Hindu heritage: W.Rizvi,Chairman Shia Waqf Board pic.twitter.com/OOdl1v9u89
— ANI UP (@ANINewsUP) October 17, 2017
Taj Mahal can be symbol of love but not of worship, apart from 1-2 most Mughals were 'aiyaash', Muslims don't consider them idols: W. Rizvi pic.twitter.com/Q34mgKkuLd
— ANI UP (@ANINewsUP) October 17, 2017
बता दें अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति में लगे तरकश के लिए शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से दस चांदी के तीर देने का एलान करने वाले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी मानते हैं कि देश की गुलामी का अहम कारण यहां के शासकों की लापरवाही रही थी।
रिजवी ने कहा कि अयोध्या विश्व पटल पर आस्था का बड़ा केंद्र है। हिंदुओं की श्रृद्धा के इस केंद्र में भगवान राम की विशाल प्रतिमा स्थापित करने का प्रदेश सरकार का निर्णय बेहद सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की भूतपूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जीवित रहने के दौरान जब अपनी मूर्तियों को लगवाया तब तो किसी में विरोध करने का साहस नहीं था। जबकि भगवान तथा आम आदमी की मूर्ति लगवाने में ज़मीन आसमान का फर्क होता है।
बता दें चेयरमैन वसीम रिजवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कहा है कि भगवान राम की एशिया की सबसे बड़ी मूर्ति की स्थापना अगर अयोध्या में की जाती है, तो यह अयोध्या के साथ-साथ पूरे उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाएगा।
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उन्होंने कहा अयोध्या एक सांस्कृतिक शहर है, जिसका विकास किया जाना बहुत जरूरी है।
ताजमहल पर भी शिया वक्फ बोर्ड ने की तल्ख़ टिप्पणी
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डब्ल्यू. रिजवी के मुताबिक ताजमहल मोहब्बत का प्रतीक हो सकता है, लेकिन आस्था का बिल्कुल नहीं। इसलिए मुसलमानों को इन्हें अपना रोल मॉडल बनाने से पहले हज़ार बार सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जो मुल्क के ना हो सके वो क्या किसी के होंगे।
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