सेंगर पर सरकार की मेहरबानियों का सिलसिला खत्म, हटा दी स्पेशल सुरक्षा
लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप के मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुसीबते बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई की गिरफ्त में आने के बाद विधायक की तरफ से एक भी ऐसा सबूत नहीं पेश हुआ जिससे यह साबित हो सके कि वह निर्दोष हैं। सरकार ने अब कुलदीप सिंह सेंगर से वाई श्रेणी की सुरक्षा भी वापस ले ली है। इस सुरक्षा में एक एचसीपी व तीन सिपाही उनके आवास और तीन सिपाही उनके अंगरक्षक के रूप में तैनात रहते थे।
विधायक को यह सुरक्षा सपा सरकार में ही मिली थी जोकिं भाजपा शासन में जारी रखी गई। लेकिन गैंगरेप मामले में फसने और सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने यह सुरक्षा हटा ली हैं।
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मामला तब बढ़ा जब पीड़िता ने सीएम आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की। पीड़िता के पिता की पिटाई के कारण मौत हो गई थी। जिसके बाद मामला राष्ट्रीय स्तर पर फैल गया और सरकार पर सवाल खड़े हो गये जिसके बाद सरकार ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए।
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विधायक पर पाक्सो एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल विधायक सीबीआई की हिरासत में हैं। सीबीआई पीड़िता, मां और चाचा से भी लगातार पूछताछ कर रही है। गुरुवार को भी सीबीआई ने पीड़िता और उसकी मां व चाचा से लंबी पूछताछ की। सीबीआई की पूछताछ उनके पिता की मौत पर ही केन्द्रित रही। सीबीआई ने पीड़िता के पिता की मौत मामले में आरोपी विधायक के भाई अतुल और अन्य आरोपियों से भी पूछताछ की।