पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी संजीव सिन्हा के कंधो पर, दिया ये खास पद
नई दिल्ली। भारतवासी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बुलेट ट्रेन के वादे को अब तक संजोये बैठे हैं। अब बस इंतज़ार है, तो इस परियोजना के शुभारंभ होने का। इस प्रोजेक्ट में हो रही देरी कारण विपक्ष हमेशा से तंज कसता रहा है। लेकिन अब पीएम मोदी ने इस परियोजना को जमीन पर उतारने का मूड बना लिया है।
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ख़बरों के मुताबिक इस भारी भरकम प्रोजेक्ट का जिम्मा संजीव सिन्हा को सौंपा गया है। जोकि इस परियोजना के एडवाइजर होंगे।
बता दें अहमदाबाद-मुंबई के बीच बनने वाली देश की पहली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन होगी। इस परियोजना की नींव 14 सितंबर को रखी जाएगी। इसके निर्माण में करीब एक लाख करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस ख़ास परियोजना का आरम्भ प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे की मौजूदगी में होगा।
कौन हैं संजीव सिन्हा
सिन्हा का जन्म 1973 में राजस्थान में हुआ था। उन्होंने 1995 में कानपुर IIT से फिजिक्स विषय से MSc की पढ़ाई की है। संजीव बाड़मेड़ राजस्थान से पहले आईआईटिएन हैं। पढाई पूरी करने के बाद वह गोदरेज कंपनी में काम करने लग गये थे, उसके बाद वह जापान चले गए वहां जाकर जेनटेक कंपनी के साथ जुड़ गए। वहां काम करते हुए उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां संभाली।
बता दें संजय सिन्हा टोक्यो में टाटा के एग्जीक्यूटिव भी रह चुकें हैं।
सिन्हा के मुताबिक जापान की कंपनियों को अधिकतकर अपने ही देश में काम करने का अनुभव है। ऐसे में वह भारत में भी अनुभव को हासिल करना चाहते हैं। साथ-ही-साथ जापान के पास ताइवान बुलेट प्रोजेक्ट पर काम करने का भी अनुभव है।
इन सबके बावजूद भी उनके सामने कई मुश्किलें हैं, जैसे अलग-अलग राज्यों के बीच आने वाली कानूनी रुकावट, कर, भूमि अधिग्रहण आदि की चुनौतियां अड़चन बन सकती हैं।
गौतलब है कि जापान के लोगों के लिए एक बड़ी मुश्किल अंग्रेजी बोलने वालों की भी होगी, कि कैसे अंग्रेजी बोलने वालों को काम पर लिया जाए। इन सबके अलावा सिविल इंजीनियरिंग की भी बड़ी चुनौती होगी।
जापान से मिलेगी आर्थिक मदद
दोनों देशों के बीच हुए करार के तहत इस प्रोजेक्ट को भारत-जापान के साथ मिलकर पूरा करेगा। इसके लिए जापान, भारत को 88,000 करोड़ रुपए का लोन देगा। जोकि महज 0।1 फीसदी की ब्याज दर पर यह लोन दिया जाएगा।
बता दें लोन का रीपेमेंट 15 वर्ष बाद शुरू होगा। वहीं भारत सरकार का कहना है कि इतना लंबा समय और न के बराबर ब्याज इस ऋण को ब्याजमुक्त बनाता है।
इन कंपनियों की मदद से होगा बुलेट ट्रेन निर्माण
भारत में बुलेट ट्रेन के निर्माण के लिए जापान 6 कंपनियों की मदद लेगा। जिसमें, जापान इंटरनेशनल कंसल्टेंट, जापान रेलवे ग्रुप भी शामिल होगी। इसके अलावा नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन और महाराष्ट्र, गुजरात राज्य सरकार की शहरी विकास मंत्रालय के बीच भी इस प्रोजेक्ट के लिए करार हुआ है।
इस लोन से भारत की मौजूदा वित्तीय व्यवस्था पर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं पड़ेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए जापान की सरकार 80 फीसदी से अधिक व्यय का खर्च उठा रही है। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है कि इतने बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर दूसरे देश ने इतनी ज्यादा सहूलियत की हो।
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दोनों देशों के मध्य हुए इस प्रोजेक्ट में चार सब ग्रुप बनाये गए हैं। इसमें जापानी उद्योग, भारतीय उद्योग, NHSRCL, DIPP, और जेट्रो के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
बता दें इनका काम मेक इन इंडिया के लिए आवश्यक क्षमताओं की पहचान कर उनकी मदद करने की है।