अभी-अभी : राम मंदिर मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया नया फरमान, अब विवादित जमीन के लिए…

मंदिर-मस्जिद विवादनई दिल्ली। अयोध्या में चल रहे मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर राजनीति अपने चरम पर है। इस धार्मिक मुद्दे की गर्माहट में सियासी दल अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने से परहेज नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण आये दिन बड़े-बड़े बयान सुनने को मिल जाते हैं। हिन्दू और मुस्लिम की धार्मिक भावनाएं जुड़ी होने के कारण अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए अयोध्या में विवादित जमीन की निगरानी के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने का फैसला किया है।

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कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अयोध्या की विवादित जमीन की निगरानी के लिए दो न्यायमूर्ति को ऑब्जर्वर नियुक्त करने का आदेश दिया है।  सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से कहा है कि वह 10 दिन के भीतर दो न्यायाधीश को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करें।

ख़बरों के मुताबिक इनमें अतिरिक्त जज, जिला जज या स्पेशल जज शामिल हो सकते हैं। पर्यवेक्षक के चयन के लिए कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को 6 जिलों के जजों की लिस्ट भेज दी है। ऐसे संवेदनशील मामले पर पर्यवेक्षक के चयन को सही कदम माना जा रहा है।

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वहीं बाबरी मस्जिद के पैरवी कर रहे मोहम्मद हाशिम की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया, जिसमें सिब्बल ने कोर्ट से दरख्वास्त की थी कि पहले के ऑब्जर्वर एसके सिंह और टीएम खान को ही इस पद पर ऑब्जर्वर बने रहने दिया जाये।

उन्होंने कहा कि ये बीते 14 वर्ष से ऑब्जर्वर हैं। इस कारण उनसे पूछ लेना ही बेहतर होगा कि क्या वे पर्यवेक्षक बने रहना चाहते हैं या नहीं लेकिन इस मांग को माननीय सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ठुकरा दिया गया है।

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