सलमान से भी बड़े दबंग थे उनके दादा, जेल पहुंचते ही ‘भाई’ ने दिया परिचय

नई दिल्ली। काले हिरण के शिकार मामले में दोषी पाए गए सलमान खान यूं तो बॉलीवुड में अपनी एक अलग ही छवि के मालिक हैं। लेकिन अदालत के इस फैसले ने उनके फ़िल्मी करियर को खतरे में डाल दिया है। लेकिन आज हम आपको सलमान खान नहीं बल्कि उनके डीआईजी दादा के बारे बताने जा रहे हैं।

सलमान खान

दरअसल, काला हिरण शिकार मामले में 5 साल की सजा मिलने के बाद सलमान खान जोधपुर जेल में बंद हैं। कोर्ट के सजा सुनाए जाने के बाद जब सलमान खान जेल में गए तो उनकी मुलाक़ात डीआईजी जेल विक्रम सिंह से हुई।

बताया जा रहा है कि जैसे ही सलमान को डीआईजी जेल ने अपना परिचय दिया, तो सलमान ने कहा कि मेरे दादाजी भी डीआईजी थे।

बता दें कि सलमान के दादा अब्दुल राशिद खान 1857 में इंदौर के होलकर राम पुलिस में डीआईजी थे। जासिम खान की किताब ‘बीइंग सलमान’ में भी इस बात का जिक्र है।

किताब में बताया गया है कि महाराजा यशवंत राव होलकर ने उन्हें ‘दिलेर जंग’ की उपाधि से नवाजा था। अब्दुल राशिद खान के संबंध होलकर राज परिवार से तब से रहे हैं, जब सलमान के पूर्वज अफगानिस्तान से इंदौर आए थे।

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सबसे दिलचस्प बात तो यह कि सलमान के दादा उस वक्त डीआईजी के पद पर रहते हुए 100 रुपये प्रति माह पगार (तनख्वाह) पाते थे। जबकि रिटायरमेंट के वक्त उन्हें 325 रुपये महीना मिलते थे।

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सलमान के दादा के बारे में एक किस्सा यह भी मशहूर है कि 1900 के शुरुआती दशकों में अब्दुल राशिद खान के हाथ इंदौर में एक खजाना लग गया था। उन्होंने इंदौर के ‘बड़वाली चौकी’ में एक इमारत खरीदी थी। जब इसे तोड़ा जा रहा था तो उसमें एक खजाना मिला।

इंदौर में उस वक्त हुआ करते थे सिर्फ चार DIG

उस वक्त इंदौर स्टेट में सिर्फ चार DIG हुआ करते थे और नॉन ब्रिटिश को मिलने वाली यह हाईएस्ट रैंक थी। DIG की रिपोर्टिंग आईजी को हुआ करती थी। अब्दुल राशिद खान की रिपोर्टिंग उस वक्त के आईजी बेसिल चुर्टोन को थी।

कभी-कभी ही पहनते थे यूनिफार्म

सलमान खान के चाचा नईम खान के हवाले से लिखा गया है कि अब्दुल राशिद खान अपनी यूनिफार्म कभी-कभी ही पहनते थे। वे ज्यादातर खुली जीप में घूमना पसंद करते थे। सबसे दिलचस्प बात यह है कि उनके सबऑर्डिनेट्स कभी उन्हें सर या साहिब कहकर नहीं बुलाते थे। बल्कि ज्यादातर उन्हें मियां कहकर ही संबोधित करते थे।

देखें वीडियो:-

https://youtu.be/W41XTOzKG-k

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