चीन को रास्ते पर लाने के लिए अमेरिका ने बदला कांटा, ट्रंप का ये कदम बदल देगा सारा गेम

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को ‘बौद्धिक संपदा की चोरी की सजा’ देने की अपनी चेतावनी के क्रम में चीन के आयात पर 60 अरब डॉलर सालाना शुल्क लगाने की योजना बनाई है। वाशिंगटन पोस्ट ने ट्रंप प्रशासन के चार वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से एक रपट में कहा है कि ट्रंप शुक्रवार को यह शुल्क पैकेज जारी करने वाले हैं।

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डोनाल्ड ट्रंप

वरिष्ठ सहयोगियों ने राष्ट्रपति को 30 अरब सीमा शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया लेकिन ट्रंप ने उन्हें इसे बढ़ाकर दोगुना करने का आदेश दिया।

सीमा शुल्क का यह पैकेज 100 उत्पादों पर लागू होगा, जिन्हें ट्रंप के अनुसार चीन ने अमेरिका कंपनियों से या तो चुरा लिया है या अपने बड़े बाजार में प्रवेश देने के बदले उनको ये सूचनाएं देने के लिए मजबूर किया है।

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अगर सीमा शुल्क पैकेज लागू हुआ तो यह चीन के खिलाफ मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा उठाया गया बड़ा आर्थिक कदम होगा। साथ ही, इसकी प्रतिक्रिया भी हो सकती है जिससे दुनिया के दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापारिक साझेदारी प्रभावित हो सकती है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के व्यापार सलाहकार रहे फिल लेवी ने कहा, “यह ऐसे राष्ट्रपति की तरह दिखते हैं जो अमेरिकी हितों की रक्षा करने से ज्यादा सीमा शुल्क लगाने के इच्छुक हैं।”

उन्होंने कहा, “बौद्धिक संपदा को लेकर चीन का व्यवहार असली मुद्दा है लेकिन उससे निपटने के लिए कई और भी प्रभावकारी तरीके हैं।”

ट्रंप ने इससे पहले इस्पात के आयात पर 25 फीसदी और अल्युमीनियम के आयात पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाने की घोषणा, जिसका विरोध करने पर कनाडा और मेक्सिको को इससे मुक्त कर दिया गया।

उधर, यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह इसके खिलाफ कदम उठाएगा, अन्य देश भी इसका अनुकरण कर सकते हैं।

रिपब्लिकन पार्टी के कई सदस्यों ने भी इस्पात और अल्युमीनियम पर आयात शुल्क लगाने पर आपत्ति जताई है।

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