अलीगढ़ में बम की अफवाह: संदिग्ध फरार, AMU प्रशासन हरकत में

अलीगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर बम की अफवाह के छह दिन बाद भी स्थानीय पुलिस कथित संदिग्धों की तलाश जारी रखे हुए है।

7 नवंबर की शाम को ही अधिकारी हरकत में आ गए, जिस दिन रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) को संभावित खतरे के बारे में सूचित किया गया। पुलिस ने किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए स्टेशन पर सुरक्षा उपाय तुरंत लागू कर दिए। अपराधियों का पता लगाने के प्रयास में पुलिस ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से सहायता मांगी। प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली के नेतृत्व में एएमयू के अधिकारी पुलिस के साथ मिलकर सीसीटीवी फुटेज का उपयोग कर संदिग्धों की पहचान करने में जुटे हैं।

अली ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनके प्रयासों के बावजूद अभी तक संदिग्धों की पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा, “हमें अभी तक फुटेज में बताए गए विवरण से मेल खाने वाला कोई व्यक्ति नहीं मिला है। हालांकि, हम अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं।”

अलीगढ़ में आरपीएफ प्रभारी अमित कुमार सिंह ने कहा कि उनका बल स्थानीय पुलिस और एएमयू के साथ समन्वय कर रहा है। सिंह ने कहा, “सूचना मिलने के बाद से हम चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं और एएमयू अधिकारियों और स्थानीय पुलिस के साथ लगातार संपर्क में हैं।”

जांच तब शुरू हुई जब एक ऑटो रिक्शा चालक ने सिविल लाइंस थाने के अंतर्गत भानबोला चौकी पर पुलिस को सूचना दी कि वह एएमयू परिसर के पास से दो युवकों को रेलवे स्टेशन तक लेकर गया था।

ड्राइवर ने बताया कि यात्रा के दौरान उसने उन दोनों को स्टेशन पर बम लगाने की योजना पर चर्चा करते हुए सुना। ड्राइवर ने तुरंत सिविल लाइन्स पुलिस को सूचित किया, जिसने फिर आरपीएफ को सूचित किया। रेलवे अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और ड्राइवर की मदद से दो संदिग्धों की पहचान की। फुटेज में संदिग्धों को एक अज्ञात व्यक्ति से बात करते हुए भी दिखाया गया है, हालांकि उनकी पहचान अभी भी स्पष्ट नहीं है।

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