
नई दिल्ली। धर्म के नाम पर खिलवाड़ करने वाला गुरमीत राम रहीम की हरियाणा में कितनी धाक थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह अपने कार्यक्रमों और फिल्मों का मनोरंजन कर तक नहीं देता था। अशलील बाबा गुरमीत रूबरू नाइट का आयोजन करता और उसी से करोड़ो रुपये कमाता था।
साथ ही डेरे के सिनेमा हॉल से भी उसकी अच्छी खासी मोटी आमदनी होती थी। लेकिन डेरे ने कभी भी मनोरंजन का कर नहीं दिया।
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रूबरू नाइट का खर्च डेरा के अनुयायी ही उठाते थे। स्टेज के सामने की सीटों के लिए अलग से रेट तय रहते थे।
खबरों के मुताबिक गुरमीत राम रहीम ने 2010 के बाद से रूबरू नाइट शुरू की थी। इसके तहत सिरसा स्थित डेरे के स्टेडियम में रात भर बड़ा कार्यक्रम किया जाता था।
यदि रूबरू नाइट सिरसा से बाहर होती तो स्टेडियम या इतनी ही अन्य जगह डेरे की ओर से ली जाती और उसी में गुरमीत राम रहीम अपनी प्रस्तुति देता।
रूबरू नाइट करवाए जाने का पहला खर्च संबंधित ब्लाक की संगत उठाती और इससे पहले डेरा के रणनीतिकार संगत के बीच प्रतिस्पर्धा करवाते कि कौन अधिक पैसे देगा। जो ब्लाक अधिक पैसे देता वहीं पर रूबरू नाइट करवाई जाती। इसके अलावा टिकटों का निर्धारण भी अलग से रहता था। एक स्पेशल कमेटी रूबरू नाइट के कार्यक्रम को देखती थी।
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एक अनुमान के अनुसार रूबरू नाइट की कमाई पांच करोड़ तक हो रही थी। साथ ही डेरे की ओर से रूबरू नाइट के लिए कभी अनुमति नहीं ली गई और न ही टिकटों से संबंधित जानकारी दी गई। ऐसा इसलिए किया गया ताकि कोई टैक्स न देना पड़े।
क्या है डेरे में रूबरू नाइट का सच
मैं 7 साल तक डेरे में रही। मैंने सेवा भी की है और रू-ब-रू में भी सहयोग किया है। गुरमीत पूरी रात डांस करता था। रात भर में 4-5 बार कपड़े बदलता था। खुद गाता भी था, स्कूल के बच्चे भी डांस करते थे, इसमें टिकट लगता था। 7 हजार से शुरू होता था और जो जितना गुरमीत के पास बैठना चाहता था उतनी महंगी टिकट होती थी, जैसे 1 लाख से 8 लाख तक, बोला तो ये जाता था कि ये पैसा गरीबों के इलाज, गरीबों के लिए घर वगैरह बनवाने के लिए इस्तेमाल होगा।
लेकिन, मैंने आज तक तो ऐसा देखा नहीं, ये तो गरीबों को ही रू-ब-रू के नाम पर लूटता था। रू-ब-रू में तरह-तरह के डांस होते थे। गुरमीत भी करता था और फिर रात भर में लोग पागल हो जाते थे।