सामने आया ‘रोहिंग्यों’ का खूंखार चेहरा, म्यांमार से आए एक संदेश से हिल गया देश, अब भी नहीं सुधरे तो…

रोहिंग्या देश के लिए खतरायंगून। देश में रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर करीब एक महीने से विवाद तेज है। जहां एक ओर रोहिंग्या समर्थक अवैध रूप से भारत में घुसे इस विशेष मुस्लिम समुदाय को शरणार्थी बताकर ह्यूमन राइट्स की बात कर रहे हैं। वहीं देश की अधिकतम जनता के साथ केंद्र सरकार भी इन्हें बड़ा खतरा मान रही है। इन्हें देश से बाहर निकालने को लेकर अभी भी एकमत राय नहीं बन पा रही। कारण विपक्षी दल देश हित में क्या सही और क्या गलत इससे परे हटकर सत्तारूढ़ भाजपा को नीचा दिखाना चाहती है। ताजा मामले में म्यांमार सेना ने जो खुलासा किया वो बेहद ही चौकाने वाला है। मामले को जानने के बाद शायद ही कोई इन शरणार्थी बने घुसपैठियों को पनाह देने की बात करेगा।

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बता दें म्यांमार की सेना का दावा है कि रोहिंग्या मुसलमानों ने हिंदुओं का नरसंहार किया है, लापता हिंदुओं की तलाश तेज हो गई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के हिंसाग्रस्त रखाइन प्रांत के निकट 28 शवों वाला एक सामूहिक कब्रगाह मिलने के बाद सैनिक दर्जनों लापता हिंदुओं की तलाश में जुट गए। सेना का कहना है कि यह जनसंहार रोहिंग्या मुस्लिम आंतकवादियों ने किया है।

म्यांमार की सेना ने रविवार को कहा था कि उसे उत्तरी रखाइन के बाहर एक गांव में 2 गहरे गड्ढे मिले हैं जिनमें महिलाओं और बच्चों सहित 28 हिंदुओं के शव दफन हैं। (म्यांमार सेना का दावा, रोहिंग्या मुस्लिमों ने मारे 28 भारतीय, सामूहिक कब्र मिली)

वहीं म्यामांर सरकार के प्रवक्ता जाव ह्ते ने भी रविवार को 28 शव मिलने की पुष्टि की है। उत्तरी रखाइन में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने प्रत्येक जगह पर 10 से 15 शवों को दफनाया हुआ था।

इससे पहले क्षेत्र के हिंदू ग्रामीणों ने पिछले सप्ताह बताया था कि रोहिंग्या मुसलमानों ने 25 अगस्त को उनके समुदाय पर हमला किया था।

हिंदुओं ने बताया कि रोहिंग्या मुसलमानों ने कइयों को मार दिया था और बहुत से लोगों को अपने साथ ले गए थे।

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सेना प्रमुख मिन आंग हलांग के फेसबुक पोस्ट में डाले संदेश में कहा गया, सुरक्षा बल के जवान गड्ढे के आस पास के स्थानों में अन्य हिंदुओं की तलाश कर रहे हैं।

क्षेत्र के विस्थापित हिंदुओं ने 2 गांवों के 102 लोगों के नामों की सूची दिखाई है, जिनके मारे जाने की आशंका है।

वहीं खबर यह भी है कि एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त में कहा, ‘हम ग्रामीणों के साथ मिल कर तलाश का काम जारी रखेंगे।’

ख़ास यह कि सरकार ने हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में लोगों की पहुंच रोक दी है, जिसके कारण आरोपों की पुष्टि मुश्किल है। लेकिन म्यांमार की सेना ने इसके लिए सीधे तौर पर रोहिंग्या मुसलमानों का नाम लिया है।

(साभार : khabarindiatv.com)

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