संसद मानसून सत्र 2025: सर्वदलीय बैठक में रिजिजू का आश्वासन, ऑपरेशन सिंदूर सहित सभी मुद्दों पर होगी चर्चा

संसद के मानसून सत्र (21 जुलाई से 21 अगस्त ) से पहले रविवार को नई दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद कहा कि सरकार संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रतिबद्ध है और ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमला, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम दावों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है।

उन्होंने यह भी बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए 100 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं।

सर्वदलीय बैठक का सार:
बैठक में 51 राजनीतिक दलों और स्वतंत्र सांसदों के 54 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। 40 सांसदों ने अपनी पार्टियों की ओर से मुद्दे उठाए, जिनमें ऑपरेशन सिंदूर, बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), मणिपुर में अशांति, और ओडिशा में कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रमुख थी। रिजिजू ने कहा कि सरकार सभी दलों की बातों पर ध्यान दे रही है और संसद की कार्यवाही को सुचारू रखने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच समन्वय जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि भले ही दल अलग-अलग विचारधाराओं के हों, संसद का सुचारू संचालन सभी की साझा जिम्मेदारी है।

ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के दावों पर जवाब:
रिजिजू ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के भारत-पाकिस्तान युद्धविराम दावों पर सरकार संसद में नियमों और परंपराओं के अनुसार जवाब देगी। उन्होंने कहा, “हम खुले दिल से हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। विपक्ष ने कई मुद्दे उठाए हैं, और इन पर चर्चा का फैसला लोकसभा और राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) करेगी।”

छोटे दलों को समय का आश्वासन:
रिजिजू ने छोटे दलों, विशेष रूप से जिनके 1-2 सांसद हैं, को पर्याप्त बोलने का समय देने की बात कही। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति के समक्ष उठाया जाएगा, और कार्य मंत्रणा समिति में इस पर विचार होगा।

विपक्ष की रणनीति:
विपक्षी दलों, खासकर इंडिया गठबंधन ने ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमले में आतंकियों की गिरफ्तारी में देरी, और बिहार SIR को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बनाई है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन मुद्दों पर संसद में जवाब देना चाहिए। बीजद ने ओडिशा में कानून-व्यवस्था, विशेष श्रेणी दर्जा, और जल विवाद जैसे मुद्दे उठाए।

सरकार का विधायी एजेंडा:
सरकार इस सत्र में जन विश्वास (संशोधन) विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024, मणिपुर जीएसटी (संशोधन) विधेयक, और आयकर विधेयक 2025 सहित कई विधेयक पेश करेगी। सात लंबित विधेयकों पर विचार और पारित करने की योजना है।

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