खाद्य वस्तुओं के मूल्य बढ़ने से सितंबर में 5 माह के उच्च स्तर पर पहुंच सकती है खुदरा महंगाई

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे भीषण युद्ध के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जो देश के लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकता है । 47 अर्थशास्त्रियों के सर्वे में एक दावा किया गया है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण आपूर्ति संबंधी बाधाओं और असामान्य बारिश की वजह से अनाज एवं सब्जियों जैसे प्रतिदिन उपयोग की जाने वाली वस्तुओं की महंगाई दो साल से लगातार बढ़ रही हैं।

असामान्य बारिश और खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से सितंबर में खुदरा महंगाई बढ़कर 7.30 फीसदी तक पहुंच सकती है। यह इस साल अप्रैल के बाद खुदरा महंगाई का पांच महीने का उच्च स्तर होगा।

इसके साथ ही यह लगातार 9वां महीना होगा, जब खुदरा कीमतों पर आधारित महंगाई आरबीआई के ऊपरी दायरे से ज्यादा होगी। अगस्त में यह सात फीसदी रही थी। 47 अर्थशास्त्रियों के सर्वे में दावा किया गया है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण आपूर्ति संबंधी बाधाओं और असामान्य बारिश की वजह से अनाज एवं सब्जियों जैसे दैनिक उपभोग की वस्तुओं की महंगाई दो साल से लगातार बढ़ रही हैं। कोरोना के कारण पहले से ही आर्थिक झटकों से जूझ रहे गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोग इस वृद्धि से और प्रभावित होंगे क्योंकि वे कमाई का एक बड़ा हिस्सा भोजन पर खर्च करते हैं। सरकार 12 अक्तूबर को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी कर सकती है।

अनाज और दाल की कीमतों ने बढ़ाई चिंता

क्रिसिल के अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी से खुदरा महंगाई के मोर्चे पर दबाव बना हुआ है। चिंता की बात है कि काफी समय से अनाज और दालों की घट रही महंगाई अभूतपूर्व गति से बढ़ेगी।


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