RBI कल लेगा फैसला, हो सकती हैं ब्याज दरें कम

महंगाई घटने के साथ-साथ कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें गिरने से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास ब्याज दरों को कम करने का मौका है। रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग के अर्थशास्त्री विश्रुत राणा ने मंगलवार को कहा कि मजबूत खाद्य उत्पादन व कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से महंगाई में गिरावट आई है, जिससे अक्तूबर के मुकाबले महंगाई 20 फीसदी कम हुई है।

आरबीआई आगामी सात फरवरी को चालू वित्त वर्ष के लिए अपनी छठी द्विमासिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। यह आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में पहली मौद्रिक नीति समीक्षा होगी। राणा ने आगे कहा कि महंगाई घटने और कच्चे तेल की कीमतें गिरने से आरबीआई के पास अगले कुछ समय के लिए ब्याज दरों घटाने का मौका है। आरबीआई ने अपनी दिसंबर की मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था।

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लेकिन केंद्रीय बैंक ने वादा किया था कि अगर मुद्रास्फीति का खतरा नहीं बढ़ता हो तो वह दरों में कटौती करेगा। लगातार खाद्य व कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से दिसंबर, 2018 में खुदरा मंहगाई 18 महीनों के निचले स्तर 2.19 फीसदी और थोक महंगाई आठ महीनों के न्यूनतम स्तर 3.80 फीसदी पर पहुंची। सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई दर चार फीसदी (दो फीसदी ऊपर/नीचे) पर बरकरार रखने के लिए कहा है। एक समय 80 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर बिक रहे ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत अब 63 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ पहुंची है।

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