चैत्र माह की नवमी पर जन्मे थे मर्यादा पुरुषोत्तम, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

रामनवमी को देशभर में लोग इसे अपने तरीके से मनाते हैं. चैत्र मास की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक नवरात्र मनाया जाता है. रामनवमी चैत्र शुक्ल की नवमी को मनाया जाता है. इसे श्रीराम के जन्म की खुशी में मनाते हैं. चैत्र नवरात्र के नौवें यानी आखिरी नवरात्र के साथ रामनवमी भी मनाई जाती है. लेकिन चैत्र शुक्ल नवमी तिथि इस साल मान्य नहीं होगी.  नवमी तिथि को सूर्योदय नहीं मिलने के कारण इसका क्षय माना गया है.

रामनवमी

अष्टमी तिथि 24 तारीख को 10 बजकर 6 मिनट से शुरू हुई.

शुभ मुहूर्त

राम नवमी 2018 तिथि: रविवार 25 मार्च

रामनवमी पूजा मुहूर्त : सुबह 11:14 से दोपहर 13:41 तक

अवधि: 2 घंटे 26 मिनट

रामनवमी मनाने का दोपहर बाद समय : 12:27

नवमी तिथि शुरुआत:  25 मार्च 2018 को 08:02 मिनट पर

नवमी तिथी समाप्ति:  26 मार्च 2018 05:54 पर

पूजा विधि

प्राचीनकाल से रामनवमी का व्रत महिलाओं द्वारा किया जाता है. रामनवमी के दिन महिला को सुबह उठना चाहिए, घर की साफ-सफाई से घर को शुद्ध करना चाहिए. राम नवमी की पूजा करने के लिए स्नान-ध्यान से पवित्र होकर प्रभु राम की पूजा करनी चाहिए. श्री राम के लिए अखंड ज्योत जलाएं, धूप-दीप को देवताओं के बाएं तरफ और अगरबत्ती को दाएं तरफ रखें.

पूजा में तुलसी पत्ता और कमल का फूल अवश्य होना चाहिए. साथ ही कलश और नारियल भी पूजाघर में रखें. खीर और फल-फूल को प्रसाद के रूप में तैयार करें. सभी लोगों के माथे पर तिलक लगाए, आसन बिछाकर कमर सीधी कर भगवान के आगे बैठें. घंटी और शंखनाद करें. राम पूजन शुरू करने से पहले रामजी का आह्वान और आरती करें इसके बाद पुष्पांजलि अर्पित करके क्षमा प्रार्थना करें.

उसके बाद श्रीराम नवमी की पूजा षोडशोपचार करें. रामनवमी की व्रत कथा सुनें और घर के प्रांगण में तुलसी मंडप के समक्ष ध्वजा, पताका, तोरण आदि स्थापित करें. प्रभु राम की पूजा शुद्ध मन एवं विधि पूर्वक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. दान करना चाहिए.

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