अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण का कार्य 40% हुआ, महाराष्ट्र के सागौन की लकड़ी से बनेंगे दरवाजे

अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण तेजी के साथ हो रहा है. रामलला के गर्भगृह में दरवाजे और चौखट के निर्माण के लिए लकड़ी का चयन भी कर लिया गया है। रामलला के गर्भगृह में 12 से ज्यादा दरवाजे होंगे और इनका निर्माण सागौन की लकड़ी से होगा जिन्हें महाराष्ट्र से लाया जाएगा। मंदिर निर्माण में लगभग 500 से ज्यादा बंसी पहाड़पुर के पत्थर लगाए जा चुके हैं।

गर्भगृह का निर्माण लगभग 40% पूरा हो चुका है, आने वाले दिनों में रामलला मंदिर निर्माण के लिए पिलर को लगाए जाने का काम तेजी के साथ शुरू होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव के मुताबिक भगवान रामलला के गर्भगृह अष्टकोणीय होगा। गर्भगृह के अंदर मकराना के उच्च क्वालिटी के सफेद मार्बल का प्रयोग किया जाएगा, जिस पर सेल्फ नक्काशी भी की जाएगी।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय मंदिर निर्माण के कार्य की बागडोर संभाले हुए हैं, मंदिर निर्माण की प्रगति और चुनौतियों को हल करने के लिए निर्माण कार्य में लगी संस्था और भवन निर्माण समिति की बैठक प्रत्येक माह की जा रही है. जिसकी रिपोर्ट प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे और भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा पीएमओ को भेजते हैं। मंदिर निर्माण कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाए, इसके लिए तेजी के साथ काम चल रहा है. मंदिर निर्माण कार्य में 500 से ज्यादा कारीगर लगे हुए हैं। सिर्फ अगर रामलला के गर्भ गृह के निर्माण की बात करें तो बंसी पहाड़पुर के तरासे गए पत्थरों को लगाने के लिए 150 से ज्यादा विशेषज्ञ कारीगर रात-दिन मेहनत कर रहे हैं. ट्रस्ट महासचिव चंपत राय के मुताबिक मंदिर निर्माण 40% तक पूर्ण हो चुका है।

गर्भगृह में लगाए हाय 500 से ज्यादा पत्थर
चंपत राय ने बताया कि बंसी पहाड़पुर के नक्काशी किए हुए 500 से ज्यादा पत्थर रामलला के गर्भगृह में लगाए जा चुके हैं। चंपत राय ने कहा कि रामलला के गर्भ गृह में 10 खम्भों के निर्माण के बाद मीडिया को रामलला के मंदिर निर्माण की प्रगति को साझा करने के लिए परिसर में ले जाया जाएगा। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि रामलला के मंदिर निर्माण का कार्य 500 से अधिक मैन पावर लगाकर तेजी के साथ कराया जा रहा है।

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