बारिश के कहर से मैदानी इलाकों में भरा पानी, लोग कर रहे पलायन

रिपोर्ट- अमित सिंह

वाराणसी। सावन के बीतने के बाद भादव में भी बदरा बरस रहे हैं। पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश का कहर अब मैदानी इलाकों में दिखना शुरू हो गया। नदिया उफान पर हैं और उनकी सहायक नदियां अब रिहायशी इलाकों में पैर पसार चुकी हैं, जिससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के मकानों में पानी घुस गया है और ये लोग पलायन को मजबूर हैं।

बाढ़ से पलायन

अस्सी घाट पर नियमित गंगा आरती कराने वाले पुरोहित त्रिलोकी ने बताया की गंगा का पानी बहुत तेजी से बढ़ने के कारण सब सामान हटा कर सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे है। गंगा का जलस्तर तो नहीं रोका जा सकता है इसलिए सब हटा रहे है। अभी तक परेशानी नहीं थी लेकिन अब धीरे धीरे परेशानी बढ़ रही है। शाम तक सड़को पर गंगा का पानी आने की उम्मीद है जिसके कारण स्थानीय लोगो को ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

जिला प्रशासन ने गंगा का रौद्र रूप देखते हुए पहले ही तटवर्ती इलाकों में चेतावनी जारी कर दी थी। फिलहाल गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। इससे यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यदि तटवर्ती इलाकों के निवासियों ने जल्दी सुरक्षित स्थान की तलाश नहीं की तो मुसीबत में घिर सकते हैं। वाराणसी में गंगा का जल स्तर पिछले तीन दिनों से लगातार बढ़ रहा है वाराणसी में अभी गंगा दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़  रही है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार आज सुबह 8 बजे तक गंगा का जलस्तर 69.01 सेंटीमीटर पर था।

वाराणसी के वरुणा नदी के किनारे बसे घनी आबादी वाले कोनिया से लगायत कई मोहल्लों में वरुणा का पानी घुस गया है। बाढ़ के पानी से दहशत में जी रहे क्षेत्रीय निवासी अब धीरे धीरे पलायन को मजबूर हो रहे हैं। कोनिया में इस समय बाढ़ से लगभग 100 घर प्रभावित हुए हैं। गंगा में बाढ़ का विकराल रूप देखकर जिला प्रशासन पहले ही तटवर्ती इलाकों को अलर्ट मोड़ पर कर चुका है।

बाढ़ का पानी घुसने की वजह से अपने घरों से पलायन कर रहे हैं। शहर के कोनिया मोहल्ले में वरुणा नदी अपना पांव पसार चुकी है। इस सम्बन्ध में स्थानीय निवासी अमर नाथ यादव ने बताया कि गंगा में उफान के कारण उनकी सहायक नदियों ने रौद्र रूप अपना लिया है। इसमें काशी में बहने वाली वरुणा नदी भी शामिल है। वरुणा नदी में आयी विकराल बाढ़ की वजह से कोनिया से लगायत आस पास के दर्जनों मोहल्लों में लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

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अमरनाथ ने बताया कि इस बाढ़ के पानी की वजह से लोग अपने घरों से पलायन को मजबूर हो रहे हैं। इन मोहल्लों से लगभग 200 मकानों को लोग खाली करके सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायित हो रहे हैं। अमरनाथ ने बताया कि इतनी बाढ़ है कि घरों में जाने के लिए बिना नाव के कोई हिम्मत नहीं कर रहा है। हमारी प्रशासन की मांग है कि यहां नाव की व्यवस्था की जाये। कोनिया निवासी नजमा बानो अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान पर जाने को मजबूर हैं। नजमा ने बताया कि हर साल बाढ़ हम लोगों के लिए परेशानी का सबब बनकर आती है। बाढ़ का पानी पूरे घर में आ गया है। कीमती सामान को लेकर अब रिश्तेदारों के घरों में रहने के लिए मजबूर हूं। नजमा ने बताया कि उनकी तरह यहां लगभग 100 घर और हैं जिनमे पानी भर चुका है।

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