अध्यक्ष बनने के एक कदम और करीब पहुंचे राहुल, साबित हुए इकलौते वैलिड कैंडिडेट

कांग्रेस अध्यक्षनई दिल्ली राहुल गांधी मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के एक कदम और नजदीक पहुंच गए। राहुल के पक्ष में दाखिल किए गए सभी 89 नामांकनों को जांच में सही पाया गया और इस तरह अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में वह अकेले उम्मीदवार हैं।

एक बयान में कहा गया है, “कुल 89 नामांकन पत्रों में सभी में राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव पाए गए हैं। ये नामांकन पत्र सभी राज्यों से हैं।”

चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी मुलापल्ली रामचंद्रन ने एक बयान में कहा, “हमने सभी नामांकन पत्रों की जांच की है और सभी 89 नामांकन पत्र वैध पाए गए हैं। अब सिर्फ एक मात्र वैध उम्मीदवार राहुल गांधी हैं, जो कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में हैं।”

नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 11 दिसंबर है, और राहुल गांधी को उसी दिन नया कांग्रेस अध्यक्ष घोषित किए जाने की उम्मीद है।

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राहुल की ताजपोशी तय

पार्टी प्रेसिडेंट इलेक्शन में राहुल अकेले वैलिड नॉमिनेटेड कैंडिडेट हैं। 11 दिसंबर को 3 बजे नाम वापस लेने का वक्त खत्म होने के बाद उनके निर्विरोध चुने जाने का ऐलान होगा।

इसके पहले 1 से 4 दिसंबर तक नामांकन भरने, 5 को स्क्रूटनी, एक से ज्यादा नॉमिनेशन होने पर 16 को वोटिंग और 19 को नतीजे जारी होने की तारीख तय की गई थी।

सबसे मुश्किल दौर में बनेंगे पार्टी प्रेसिडेंट

राहुल अध्यक्ष पद संभालने वाले नेहरू-गांधी परिवार के छठे और कांग्रेस के 60वें सदस्य होंगे। पार्टी में 7 साल बाद हो रहे चुनाव में वह मां सोनिया गांधी की जगह लेंगे। राहुल सबसे मुश्किल दौर में पार्टी प्रेसिडेंट बन रहे हैं। इस वक्त देश के महज 10% हिस्से में कांग्रेस का शासन रह गया है।

1951 यानी जवाहरलाल नेहरू के वक्त देश के 90% हिस्से पर कांग्रेस का शासन था। तब कांग्रेस के पास लोकसभा की 489 में से 364 (74%) सीटें थीं।

1969 में इंदिरा गांधी के वक्त भी देश के 90% हिस्से पर कांग्रेस का शासन था। तब कांग्रेस के पास लोकसभा की 494 में से 371 (75%) सीटें थीं।

1985 में राजीव गांधी के पीएम बनने के बाद कांग्रेस का देश के 67% हिस्से पर शासन था। उस वक्त कांग्रेस के पास लोकसभा की 542 में से 415 (77%) सीटें थीं।

1998 में सोनिया गांधी के पार्टी प्रेसिडेंट पोस्ट संभालने के वक्त कांग्रेस का देश के 19% इलाके पर शासन था। कांग्रेस के पास लोकसभा की 543 में से 141 (28%) सीटें थीं।

अब जब राहुल कांग्रेस के प्रेसिडेंट बनने जा रहे हैं, तब कांग्रेस के पास लोकसभा में 543 में से सिर्फ 46 (8%) सीटें हैं।

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बता दें इससे पहले रविवार को पार्टी के सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी चेयरमैन मुलापल्ली रामचंद्रन और मेंबर मधुसूदन मिस्त्री ने प्रेसिडेंट के इलेक्शन से जुड़ी प्रॉसेस को लेकर पार्टी हेडक्वार्टर में मीटिंग की थी।

इस दौरान राज्यों के रिटर्निंग ऑफिसर्स को इलेक्शन प्रॉसेस की जानकारी दी गई थी। सभी स्टेट यूनिट के 10 डेलिगेट्स को नॉमिनेशन पेपर्स का एक-एक सेट भेजने को कहा गया था, जिसमें राहुल गांधी को प्रेसिडेंट बनाए जाने का प्रस्ताव हो।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में नामांकन दाखिल किया था। राहुल गांधी को कांग्रेस उपाध्यक्ष जनवरी 2013 में बनाया गया था। वह अपनी मां सोनिया गांधी की जगह लेंगे। सोनिया गांधी को 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था। सोनिया सबसे ज्यादा समय तक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रही हैं।

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