बुरे फंसे राहुल गांधी, संसद सदस्यता पर भी लटकी तलवार, जानिए पूरा विवाद

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। चार साल पुराने मानहानि के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गुजरात की सूरत जिला अदालत ने सजा सुना दी है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया है। हालांकि, अदालत से उन्हें जमानत भी मिल गई है। इस फैसले के साथ ही राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर भी तलवार लटकने लगी है।

सूरत जिला अदालत ने राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था। अब राहुल गांधी को दोषसिद्धि को निलंबित कराने के लिए बड़ी अदालत जाना होगा। इसके लिए राहुल गांधी के पास एक महीने का समय है। अगर राहुल गांधी को उच्‍च अदालत से राहत नहीं मिलती है, तो कांग्रेस नेता की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

बता दें कि 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान कहा था, “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम एक ही क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?” राहुल की इस टिप्पणी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ। बीजेपी नेता का कहना था कि राहुल गांधी ने इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया।

राहुल गांधी को अगर दो साल से ज्यादा की सजा होती, तो उनकी संसद सदस्यता पर खतरा मंडरा सकता था। दरअसल, आपराधिक केस में दो साल या ज्यादा की सजा पर संसद की सदस्यता रद्द हो सकती है। आरपीए एक्‍ट (RPA Act) में यह प्रावधान है। इसके मुताबिक, भ्रष्टाचार और एनडीपीएस में दोषी करार देना ही काफी है।

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