नॉर्वे में नाटो के सैन्याभ्यास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

ओस्लो| नॉर्वे में नाटो के सबसे बड़े सैन्याभ्यास के विरोध में शनिवार को रैली निकाली गई। यह नार्वे में नाटो का शीत युद्ध खत्म होने के बाद से सबसे बड़े सैन्याभ्यास है।
 नॉर्वे में नाटो के सबसे बड़े सैन्याभ्यास के विरोध में
राजधानी ओस्लो में करीब 1,000 प्रदर्शनकारियों ने शहर के मध्य में स्थित आइड्सवॉल स्क्वायर पर एकत्र होकर देश में जारी सैन्याभ्यास ‘ट्राइडेंट जंक्चर 2018’ के विरोध में आवाज उठाई।

इस सैन्याभ्यास में नाटो के सभी 29 सदस्य देशों और उसके भागीदार देशों स्वीडन और फिनलैंड से करीब 50,000 प्रतिभागी शामिल हुए हैं।

अधिकांश प्रदर्शनकारी ‘ओस्लो फॉर एक्शन अगेंस्ट नाटो’ नामक समूह से थे जिसमें 27 संगठन शामिल हैं। इनमें कुछ वामपंथी राजनीतिक दल और नॉर्वे के सबसे बड़े व्यापार संघ लो भी शामिल है।

प्रदर्शन के आयोजक जियर हैम ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, “यह अभ्यास वास्तव में नॉर्वे के लोगों की सुरक्षा के लिए सही नहीं है।”

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हेम ने कहा, “यह सैन्यीकरण का हिस्सा है और युद्ध के खतरे को बढ़ा रहा है।”

उन्होंने कहा, ” यह एक तरह से नॉर्वे को युद्ध के मैदान में बदलने की तैयारी करने जैसा है और इसका उद्देश्य नॉर्वे के लोगों की रक्षा करना नहीं है।”

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नॉर्वे के दूसरे सबसे बड़े शहर बर्गेन और क्रिस्टियांसैंड में भी शनिवार को नाटो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए। पिछले सप्ताह मध्य नॉर्वे के ट्रॉंडहाइम में भी इसी तरह का प्रदर्शन आयोजित किया गया था।

‘ट्राइडेंट जंक्चर 2018’ सैन्य अभ्यास 25 अक्टूबर से सात नवंबर तक मध्य और पूर्वी नॉर्वे, उत्तरी अटलांटिक, आइसलैंड व बाल्टिक सागर के आसपास के क्षेत्रों और फिनलैंड और स्वीडन के हवाई क्षेत्र में हो रहा है।

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