
‘सनातन धर्म’ पर की गई टिप्पणी को लेकर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के एक दिन बाद, खड़गे ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि उनके बयान का इरादा किसी भी धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था।

टूल पकड़ते विवाद पर प्रियंक खड़गे ने सफाई देते हुए कहा की मैंने कहा कि कोई भी धर्म जो इंसानों के बीच भेदभाव करता है, वह धर्म नहीं है। मैं संविधान का पालन करता हूं, मेरा धर्म संविधान है। अगर वे मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करना चाहते हैं या वे मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं,तो यह व्यक्तियों पर निर्भर है। अपने बयान को कथित तौर पर तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए कर्नाटक के मंत्री ने कहा कि वे भाषा नहीं समझते हैं और प्राथमिकी दर्ज कर सकते हैं। “मैंने बस इतना कहा है कि संविधान मेरा धर्म है। क्या बीजेपी को इससे कोई समस्या है? ये लोग कन्नड़, हिंदी या अंग्रेजी नहीं समझते हैं। उन्हें जितनी चाहें उतनी एफआईआर दर्ज करने दें, वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं।
एक अन्य घटनाक्रम में, उदयनिधि स्टालिन ने भी एक बयान जारी कर कहा कि वह पीएम मोदी और भाजपा पर मणिपुर हिंसा और अन्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सनातन चाल का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए कानूनी रूप से सभी मामलों का सामना करेंगे। एक्स पर चार पन्नों का पत्र जारी करते हुए स्टालिन ने कहा, ”आइए हम पेरियार, अन्ना, कलैग्नार और पेरासिरियार की विचारधारा की जीत के लिए काम करने का संकल्प लें। सामाजिक न्याय को सदैव फलने-फूलने दें।
पिछले हफ्ते चेन्नई में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए, उदयनिधि सत्लिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी और कहा था कि इसका केवल विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे ”खत्म” किया जाना चाहिए। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने कहा था कि जो भी धर्म समानता को बढ़ावा नहीं देता वह एक बीमारी के समान है।