पूर्व सीएम ने किया एनडीए छोड़ने का ऐलान, राबड़ी की एक मुलाकात ने बदल दिए सियासी समीकरण

पटना: बिहार की राजनीति मुंबई और गोवा के मानसून से भी ज्यादा अपने मिजाज बदलती नजर आ रही है. बीते दिनों जितनी राजनीतिक हलचल बिहार के सियासी गलियारों में महसूस की गयी उतनी शायद ही किसी प्रदेश की राजनीति में देखने को मिली हो. आलम ये है कि सियासत का ऊँट किस करवट बैठेगा इसका अनुमान लगा पाना बेहद मुश्किल हो चला है. बिहार की राजनीतिक ट्रेन अपने इंजन इतनी जल्दी-जल्दी बदल रही है जिससे राजनीति एक साउथ इंडियन एक्शन फिल्म हो चली है जहाँ कुर्सी एक है और उस तक पहुंचने के सियासी पायदान अलग-अलग हैं.राजनीति

पहले नीतीश सरकार का दलितों में पैठ जमाने के लिए उनके समुदाय से आने वाले महादलित और कद्दावर नेता जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप देना फिर कुछ महीनों में नाटकीय घटनाक्रम के ज़रिये कुर्सी वापस लेकर दलित समुदाय का विरोध झेलना, मोदी की आंधी रोकने के लिए लालू द्वारा महागठबंधन की नीव मजबूत करना जैसी हलचलें लगातार बिहार की राजनीति में उठापटक का कारण बनी रहीं.

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विधानसभा चुनावों के बाद नीतीश-लालू गठबंधन में सरकार बनाना और कुछ ही महीनो बाद लालू के बेटे और बिहार सरकार में  उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ गठबंधन की गाँठ खोलकर वापस से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने से बिहार की राजनीति काफी तल्खियों के दौर का सामना कर चुकी है.

अब बिहार की राजनीति में नई पठकथा लिखी जाने की इबारत शुरू हो गई है. आरजेडी प्रमुख लालू यादव इन दिनों जेल में हैं लेकिन बिहार में सियासी उठापटक तेज है. लालू की गैरमौजूदगी में पार्टी का काम उनके बेटे तेजस्वी यादव और पत्नी राबड़ी देवी देख रही है. राज्य की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर हुआ जिसके जरिये बुधवार को राबड़ी देवी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच बैठक हुई. इसके बाद जीतनराम मांझी ने बीजेपी का साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया.

जीतन राम मांझी के बीजेपी के साथ छोड़ने के बाद ही लालू यादव के बेटे तेजेस्वी यादव उनसे मुलाकात करने के लिए उनके घर पहुंचे हैं.

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पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को महागठबंधन से अलग कर अपने साथ मिलाकर लालू यादव को बड़ी राजनीतिक मात दी थी. ऐसे में आरजेडी भी मोदी से हिसाब बराबर करने की तैयारी में है. आरजेडी ने बीजेपी के सहयोगी दल एच.ए.एम को मिलाने की कवायद की है. सूत्रों की माने तो तेजस्वी ने मांझी को आरजेडी के साथ आने का न्यौता दिया है साथ ही 2019 में चुनावों के लिए गठबंधन की गाँठ मजबूत करने के लिए राबड़ी देवी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच मीटिंग हुई है.

राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पिछले दिनों दावा किया था कि मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लालू प्रसाद की पार्टी के साथ हाथ मिलाने की योजना बना रहे हैं. रघुवंश ने पूरे दावे के साथ कहा था कि सारी प्रक्रियाएं अंदरूनी तौर पर चल रही हैं.

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