
बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में बुधवार तड़के पुलिस और कुख्यात अपराधी रौशन कुमार के बीच हुई मुठभेड़ ने सुर्खियाँ बटोरीं। इस दौरान रौशन ने पुलिस पर फायरिंग की और भागने की कोशिश की, जिसके जवाब में पुलिस की गोली उसके पैर में लगी।

घायल रौशन को तत्काल पटना एम्स में भर्ती कराया गया, जहाँ से उसे पीएमसीएच रेफर किया गया। उसका इलाज जारी है। इस मुठभेड़ के बाद पुलिस ने रौशन की निशानदेही पर भारी मात्रा में हथियार, गोलियाँ बरामद कीं और एक मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया।
मुठभेड़ की पूरी कहानी
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि रौशन कुमार पटना, जहानाबाद, और अन्य जिलों में हत्या, लूट, हथियार तस्करी और संगठित अपराध जैसे कई मामलों में वांछित था। पुलिस को उसकी लोकेशन की गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद फुलवारीशरीफ के कुरकुरी गाँव में छापेमारी की गई। फुलवारीशरीफ थाना अध्यक्ष ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि रौशन को गिरफ्तार कर पुलिस उसे थाने ला रही थी। इस दौरान उसने एक सिपाही का हथियार छीनकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी और भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिससे रौशन के पैर में गोली लगी।
रौशन का आपराधिक इतिहास
पुलिस के अनुसार, रौशन कुमार एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 18 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट और डकैती शामिल हैं। हाल ही में पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र में कृपाशंकर नामक युवक की हत्या के मामले में भी वह फरार था। एसएसपी शर्मा ने बताया कि रौशन की गिरफ्तारी के लिए बिहार पुलिस की ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ के तहत लगातार छापेमारी की जा रही थी। इस ऑपरेशन का मकसद बिहार और पड़ोसी राज्यों में सक्रिय आपराधिक नेटवर्क को ध्वस्त करना है।
मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा
मुठभेड़ के बाद रौशन की पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार, गोलियाँ और एक मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस फैक्ट्री से कई पिस्तौल, कारतूस और हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए। रौशन ने अपने सहयोगियों के बारे में भी जानकारी दी, जिनकी तलाश में पुलिस ने कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। इस कार्रवाई को बिहार पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
जाँच में जुटी पुलिस और एफएसएल
घटना के बाद फुलवारीशरीफ और आसपास के कई थानों की पुलिस मौके पर पहुँची और छानबीन शुरू की। फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) की टीम ने भी घटनास्थल का दौरा किया और सबूत इकट्ठा किए। पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि रौशन के नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हैं और मिनी गन फैक्ट्री का संचालन कैसे हो रहा था।
सियासी तनाव और कानून-व्यवस्था पर सवाल
यह मुठभेड़ बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर चल रही सियासी बहस को और हवा दे सकती है। हाल के महीनों में पटना में कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक घटनाएँ, जैसे व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या और पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या, ने नीतीश कुमार सरकार पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस ने बिहार को “अपराध की राजधानी” करार दिया है, जबकि सत्तारूढ़ जदयू और भाजपा का कहना है कि पुलिस की सक्रियता से अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है।