पीएम मोदी कबीर के 620 वें प्रकाश उत्सव पर 28 जून को जाएंगे संतकबीरनगर

रिपोर्ट:ओम प्रकाश त्रिपाठी

संतकबीरनगर। सामाजिक कुरीतियों और आडम्बरों पर गहरी चोट करने वाले सूफी संत कबीर की निर्वाण स्थली मगहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर चर्चा में है। प्रधानमंत्री मोदी  महात्मा कबीर के  620 वें प्रकाश उत्सव के अवसर पर 28 जून को संतकबीरनगर जिले के मगहर में  कबीर की निर्वाण स्थली आ रहे है। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर तैयारियां जोरों पर है।

कबीर

आलाधिकारी लगातार स्थलीय निरीक्षण कर जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं। पीएम मोदी के आगमन को लेकर एक तरफ कबीरपंथियों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। तो वहीं पीएम के आगमन से देश दुनिया के मानचित्र पर मगहर की पहचान को नया आयाम मिलने की संभावना बढ़ गयी है।

महात्मा कबीर का जन्म बनारस के लहरतारा में 1456ई में हुआ था। लेकिन सूफी कबीर ने जीवन के अंतिम तीन वर्ष मगहर में बिताए थें।1575 ई में  मगहर में कबीर का देहावसान हो गया। काशी में मरने से मोक्ष मिलने का मिथक तोड़ने और अकाल से जूझ रहे लोगों को राहत देने के लिए मगहर आए सूफी कबीर ने अपने दोहों के जरिये सामाजिक समरसता का ऐसा ताना बाना बुना जिसने हिन्दू मुस्लिम के बीच की खाई को पाटने का काम किया। कबीर ने अपने समय के सामाजिक आडम्बरों और कुरीतियों पर जमकर चोट किया।

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कहते हैं कि उनके शव को लेकर दोनों अनुयायियों के बीच मनमुताब हो गया था। दोनों ही अपने तरह से शव का अंतिम संस्कार करना चाहते थें। इसी बात को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे। महात्मा कबीर का शव कहीं गायब हो गया, शव के स्थान पर वहां दो फूल पड़े मिले जिसमे एक फूल हिन्दुओ ने लेकर उस पर समाधि बनाई तो मुसलमानों ने मजार मनाई ।

महात्मा कबीर के 620 वें प्रकाश उत्सव के अवसर पर 28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्भावित दौरा है जिसको लेकर मगहर में तैयारियां चल रही है। पर्यटन मंत्रालय मगहर के विकास के लिए करोड़ों रुपये की लागत से 20 परियोजनाओं पर काम कर रहा है। 28 जून को पी एम मोदी के आगमन से मगहर कबीरपंथी काफी उत्साहित है।

आजादी के बाद पहली बार कोई प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं। यू तो पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मगहर में आकर कबीर की समाधि और मजार के दर्शन कर चुके हैं।

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