
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एससीओ शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान एससीओ सदस्य देशों से क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने का स्पष्ट आह्वान किया है।

एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान पर हमला बोला और कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय वैश्विक शांति के लिए खतरा बन गया है। उन्होंने कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के साधन के रूप में उपयोग कर रहे हैं और आतंकवादियों को आश्रय दे रहे हैं। बाद में उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए। पीएम ने कहा की आतंकवाद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा है। हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा… कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को आश्रय देते हैं। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए। एससीओ देशों को इसकी निंदा करनी चाहिए। आतंकवाद पर कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए।
उन्होंने एससीओ जैसे बहु-राष्ट्र प्लेटफार्मों के कामकाज पर भाषा बाधा के प्रभाव के बारे में भी बात की और कैसे भारत का एआई-आधारित भाषा मंच भाषिनी इस बाधा को दूर करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि भाषिनी डिजिटल प्रौद्योगिकी और समावेशी विकास का एक उदाहरण बन सकता है। अपने भाषण में उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत एससीओ में सुधार, आधुनिकीकरण के प्रस्ताव का समर्थन करेगा।