पीएम मोदी ने खाई 12 हजारी खीर, अब देना होगा पाई-पाई का हिसाब
नई दिल्ली। बीते काफी समय से विवादों में घिरने वाले पीएम मोदी के ऊपर इस बार राजनीति को लेकर नहीं बल्कि खीर खाने के वजह से आरोप लगा है। जी हां, मौका था शरद पूर्णिमा का और जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस दिन खीर पीने का महत्व होता है ठीक उसी तरह पीएम मोदी ने भी उस दिन खीर खाई।
लेकिन यह खबर विवादों में तब घिरी जब गुजरात के एक पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता ने बयान दिया। दरअसल मेहता ने कहा कि 2005 में मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने रणोत्सव के दौरान 12,000 रुपए का दूध पौवा यानी की खीर खाया था जबकि ये पैसा सरकारी था। हालांकि बीजेपी ने इन आरोपों का खंडन किया है।
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2007 में भाजपा से अलग हुए सुरेश मेहता का कहना है कि पीएम मोदी ने रणोत्सव में दूध पौवा खाने के साथ ऊंट की सवारी भी की थी। ऊंट पर बैठने के लिए पीएम ने बिस्तर और तकिए लाए गए थे, जिनकी कीमत 15,625 रुपए थी।
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रणोत्सव का आयोजन 14 से 16 अक्टूबर 2005 के बीच किया गया था। इस कार्यक्रम के एक ही हफ्ते के बाद जिला और तालुका पंचायत के चुनाव होने थे, जिसके लिए आचार संहिता लग चुकी थी। सुरेश मेहता का मानना है कि ये आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था।
मेहता ने आगे कहा कि टूरिस्ट प्लेस के तौर पर सफेद कच्छ के रण को विकसित करने के लिए तब के कलेक्टर ने 453 अलग-अलग लोगों से स्पॉन्सरशिप के नाम पर 2.55 करोड़ रुपए लिए थे।
वहीं इस मामले पर बीजेपी के प्रवक्ता जय नारायण ने कहा कि मेहता द्वारा लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। नारायण ने कहा कि बिना कागजात देखे कुछ भी कहना मुश्किल है। इसके साथ ही नारायण ने उल्टा मेहता पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें 12 साल के बाद पता चला कि खीर की इतनी मंहगी थी।