Pitru Paksha Shradh: पितृ पक्ष में ध्यान रखें ये दिन, तभी मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद
हिंदू धर्म में पितृपक्ष को बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इस साल पितृ पक्ष 20 सितंबर से शुरू होकर 6 अक्टूबर को समाप्त होंगे। ये वो माह होता है जब हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पितृ पक्ष के दिनों में श्राद्ध कर्म एवं पिंड दान का भी विशेष महत्व है। आज हम आपको बताएंगे कि पितृ पक्ष में आपको किस तिथि में किनका श्राद्ध करना चाहिए।
पूर्णिमा
पूर्णिमा के दिन श्राद्ध करने से श्राद्ध करने वाले को और उसके परिवार को अच्छी बुद्धि, पुष्टि, पुत्र-पौत्रादि और ऐश्वर्य की प्राप्त होती है।
प्रतिपदा
इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को हुआ हो
द्वितीया तिथि
द्वितीया तिथि का श्राद्ध। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की द्वितीया को हुआ हो।
तृतीया तिथि
तृतीया तिथि के दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है। जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ हो।
चतुर्थी तिथि
चतुर्थी तिथि दिन उन लोगों का श्राद्ध होता है जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ हो।
पंचमी तिथि
पंचमी तिथि को उनका श्राद्ध किया जाता है, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुआ हो।
षष्ठी तिथि
षष्ठी तिथि को उनका श्राद्ध किया जाता है जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिट्ठी को हुआ हो।
सप्तमी तिथि
सप्तमी तिथि को उनका श्राद्ध किया जाता है, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की सप्तमी को हुआ हो।
अष्टमी तिथि
अष्टमी तिथि का श्राद्ध उन लोगों के लिए है, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की अष्टमी को हुआ हो।
नवमी तिथि
नवमी तिथि को उनका श्राद्ध होता है जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ हो।
दशमी तिथि
दशमी तिथि का श्राद्ध 1 अक्टूबर को किया जायेगा। इस दिन उनका श्राद्ध किया जाता, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की दशमी को हुआ हो।
एकादशी तिथि
एकादशी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है। जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की एकादशी को हुआ हो।
द्वादशी तिथि
द्वादशी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है। जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष पक्ष की द्वादशी को हुआ हो।
त्रयोदशी तिथि
त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध 4 अक्टूबर को किया जायेगा। त्रयोदशी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ हो।
चतुर्दशी तिथि
चतुर्दशी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को हुआ हो।
अमावस्या तिथि
अमावस्या तिथि का श्राद्ध 6 अक्टूबर को किया जायेगा। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने की अमावस्या को हुआ हो।