बलात्कार मामले में पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा

मंगलवार को मोहाली कोर्ट ने 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है

मंगलवार को मोहाली कोर्ट ने 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पिछले हफ़्ते मोहाली कोर्ट ने 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में पादरी बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया था। इस मामले में पीड़िता ने फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वह (बजिंदर) एक मनोरोगी है और जेल से बाहर आने के बाद भी यही अपराध करेगा, इसलिए मैं चाहती हूँ कि वह जेल में ही रहे। आज बहुत सी लड़कियों (पीड़ितों) की जीत हुई है। मैं डीजीपी से अनुरोध करती हूँ कि वे हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करें क्योंकि हम पर हमले की संभावना है।”

पीड़िता के पति, जिन्होंने सात साल तक केस लड़ा, ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “हमने इस केस के लिए सात साल तक संघर्ष किया। वह (दोषी) कोर्ट को गुमराह करता था और विदेश यात्राएं करता था, जबकि कोर्ट के आदेश उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं देते थे। मुझ पर फर्जी एफआईआर दर्ज की गई, हम पर हमला किया गया, मैंने छह महीने जेल में बिताए और फिर मैंने उसे सजा दिलाने का निश्चय किया। हमें न्यायपालिका पर भरोसा था। मैं चाहता हूं कि उसे कड़ी सजा मिले। छह आरोपी थे, उनमें से पांच पर केस खारिज कर दिया गया है और पादरी बजिंदर को दोषी ठहराया गया है। हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।

पीड़िता के वकील अनिल सागर ने सख्त सजा की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मामले की परिस्थितियों के आधार पर बलात्कार के अपराध के लिए 10-20 साल की सजा का प्रावधान है। इस मामले में, मैं उच्चतम सजा की प्रार्थना करता हूं क्योंकि यह व्यक्ति धर्म के नाम पर लोगों को बहकाता था। उसे सख्त सजा देना जरूरी है। मुझे उम्मीद है कि इसके बाद, इस तरह के अपराधों का सामना करने वाली लड़कियां सामने आएंगी और अत्याचारों के बारे में बताएंगी।

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