आखिर किस गलती की भरपाई के लिए पांडवों को लेना पड़ा कलियुग में जन्म?

कलियुग में जन्ममहाभारत का अंत करीब था, ऐसे में एक घटना ने पांडवों को महादेव के श्राप का भोगी बना दिया। यह उस समय की बात है जिस दौरान पांडवों ने कौरवों को हराकर उन पर विजय प्राप्त कर ली थी। इसके बावजूद श्री कृष्ण को आभास था की काल के चक्र के चलते कुछ न कुछ अनहोनी हो सकती है। उस अनहोनी को टालने के लिए श्री कृष्ण ने भगवान शिव की विशेष स्तुति आरंभ की, जिसके चलते उन्होंने महादेव से पांडवों की रक्षा का वरदान प्राप्त किया।

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जब आधी रात गए अश्वत्थामा, कृतवर्मा और कृपाचार्य पांडवों के शिविर के पास पहुंचे तब वहां भगवान शिव को पांडवों की रक्षा करते पाया। यह देख कुछ क्षण के लिए तो वह तीनों सकपका गए लेकिन आखिरकार भगवान शिव की आराधना कर उन्हें प्रसन्न कर लिया। भगवान शिव ने अश्वत्थामा को दो वरदान दिए। पहले में उसको महाशक्तिशाली तलवार दी और दूसरे के चलते उन्हें पांडवों के शिविर में प्रवेश करने की आज्ञा दे दी। जिसके बाद अश्र्वत्थामा ने शिवजी से प्राप्त तलवार से पांडवों के सभी पुत्रों का वध कर दिया।

जब पांडवों को यह पता चली तो उन्होंने समझा कि आखिर महादेव से शक्तिशाली कौन हो सकता है। इसे भगवान शिव की ही करनी समझकर क्रोध में अपनी मर्यादा भूल पांडव भगवान शिव से युद्ध करने निकल पड़े।

जब पांडव श्री कृष्ण के सामने पहुंचे उनके सभी अस्त्र-शस्त्र शिवजी में समा गए। इस पर शिवजी बोले-तुम सभी श्रीकृष्ण के उपासक हो इसलिए इस जन्म में तुम्हें इस अपराध का फल नहीं मिलेगा, लेकिन इसका फल तुम्हें कलियुग में फिर से जन्म लेकर भोगना पड़ेगा।

इस अनहोनी से परेशान हो पांडव श्रीकृष्ण के पास पहुंच गए, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें बताया कि कौन-सा पांडव कलियुग में कहां और किसके घर जन्म लेगा।

भविष्यपुराण के अनुसार, कलियुग में युधिष्ठिर वत्सराज नाम के राजा के पुत्र बने और कलियुग में उनका नाम था मलखान।

कलियुग में भीम वीरण के नाम से जन्मे थे और वे वनरस नाम के राज्य के राजा बने।

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कलियुग में अर्जुन का जन्म परिलोक नाम के राजा के यहां हुआ और उनका नाम था ब्रह्मानन्द।

कलियुग में नकुल का जन्म कान्यकुब्ज के राजा रत्नभानु के घर हुआ जहां उनका नाम था लक्षण।

कलियुग में धृतराष्ट्र का जन्म अजमेर में पृथ्वीराज के रूप में हुआ और द्रोपदी ने उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिए, जिसका नाम वेला था।

कलियुग में महादानी कर्ण ने तारक नाम के राजा के रूप में जन्म लिया।

कलियुग में सहदेव ने भीमसिंह नामक राजा के घर में देवीसिंह के नाम से जन्म लिया।

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