मंदिर निर्माण के लिए ज़मीन नहीं देने पर पीना पड़ेगा गोमूत्र, सिर पर रखना होगा जूता, पंचायत का तुग़लकी फ़रमान

मध्य प्रदेश के गुना में जो परिवार मंदिर निर्माण के लिए भूमि दान नहीं करेगा उनको समाज से बहिष्कृत किया जाएगा, और समाज में वापसी करने के लिए परिवार को गोमूत्र पीना पड़ेगा और सिर पर रखना जूता पड़ेगा। पंचायत का यह तुग़लकी फ़रमान चर्चा का विषय बन गया है।

Hira Lal Ghosi

मंगलवार (16 नवंबर) को गुना ज़िले के शिवाजी नगर इलाके के निवासी हीरा लाल घोसी ने यह बताया की उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए अपनी पूरी ज़मीन नहीं दी, जिस कारण उन्हें और उनके परिवार को स्थानीय पंचायत ने समाज से बहिष्कृत कर दिया है। उन्होंने कलेक्टर से संपर्क कर यह कहा की पंचायत द्वारा उन्हे अपने सिर पर जूते ले जाने, दाढ़ी मुंडवाने और पूरे परिवार को गोमूत्र पीने के लिए कहा जा रहा है। पीड़ित हीरा लाल ने कलेक्टर से बताया की, ‘विवाद शुरू में परिवार के स्वामित्व वाली ज़मीन को मंदिर निर्माण के लिए देने को लेकर शुरू हुआ था। हमारे परिवार ने मंदिर निर्माण के लिए उक्त भूमि का कुछ हिस्सा दान कर दिया लेकिन पंचायत सदस्य पूरी ज़मीन चाहते थे।’

हीरा लाल ने बताया कि, “जब हमने मना किया तो हमारे परिवार को इस शर्त के साथ समुदाय से बहिष्कृत कर दिया गया कि कोई भी हमारे घर नहीं जाएगा और समुदाय के किसी को भी हमारे यहां शादी करने की इजाज़त नही होगी।” इस पूरे अनुक्रम को हीरा लाल ने अपने फ़ोन पर रिकॉर्ड कर लिया। इस बात से पंचायत और भड़क गई और पंचायत ने कहा की, ‘हीरा लाल घोसी के परिवार को ज़मीन के पूरे टुकड़े को दान करने के अलावा शुद्धिकरण के लिए गोमूत्र का सेवन करना होगा और अपने जूते को अपने सिर पर रखना होगा। साथ ही परिवार के मुखिया को अपनी दाढ़ी मुंडवानी होगी।’

हीरा लाल ने बताया की, ‘पूरा विवाद उस जमीन को लेकर है, जिस पर मेरा मालिकाना हक़ है, मैंने अपनी ज़मीन का कुछ हिस्सा मंदिर निर्माण के लिए दान कर दिया है, लेकिन वे पूरी ज़मीन चाहते हैं जो हमें भूमिहीन कर देगा।’

इस मामले में जिला कलेक्टर फ्रैंक नोबेल ने कहा कि, ‘हीरा लाल ने अपनी शिकायत के साथ हमसे संपर्क किया था, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं।’

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