उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की सीबीआई रिमांड बढ़ाने की मांग खारिज

उड़ीसा उच्च न्यायालयनई दिल्ली। राजधानी की एक अदालत ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उड़ीसा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आई.एम. कुद्दुसी व दो अन्य को अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग को खारिज कर दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश मनोज जैन से कहा कि उसे कुद्दुसी, बी.पी. यादव व विश्वनाथ अग्रवाल से पूछताछ के लिए तीन और दिनों की जरूरत है। लेकिन, अदालत ने उसकी मांग को खारिज कर दिया और तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

जांच एजेंसी ने अदालत से यह भी कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

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कुद्दुसी, बी.पी. यादव, पलाश यादव, विश्वनाथ अग्रवाल व राम देव सारस्वत को 20 सितम्बर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इन्हें एक शैक्षिक ट्रस्ट की गैरकानूनी सहायता देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस ट्रस्ट पर मेडिकल कोर्स में छात्रों का दाखिला लेने पर रोक लगाई गई थी।

मामले में छठी आरोपी भावना पांडेय को अगले दिन 21 सितम्बर को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई ने मामले में आरोपियों का एक-दूसरे से सामना कराने की जरूरत कहकर हिरासत को बढ़ाए जाने की मांग की थी, जिससे मामले में अन्य सरकारी कर्मचारियोंकी संलिप्तता का खुलासा हो सके।

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अदालत ने अन्य तीन आरोपियों पलाश यादव, सारस्वत व पांडेय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, क्योंकि सीबीआई ने इनके लिए रिमांड नहीं मांगी थी।

सभी को सीबीआई हिरासत के चार दिनों की अवधि की समाप्ति के बाद अदालत के समक्ष पेश किया गया था।

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