राहुल गांधी ने की कंगना रनौत की टिप्पणी की निंदा, कहा ये

कंगना रनौत ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि अगर केंद्र सरकार ने कार्रवाई नहीं की होती तो किसानों के विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप बांग्लादेश जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद कंगना रनौत पर किसान आंदोलन पर उनकी टिप्पणी को लेकर निशाना साधा। सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में गांधी ने कहा, ‘‘किसानों से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही मोदी सरकार का प्रचार तंत्र लगातार किसानों का अपमान करने में लगा हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘378 दिनों के मैराथन संघर्ष में 700 साथियों की कुर्बानी देने वाले किसानों को भाजपा सांसद द्वारा बलात्कारी और विदेशी ताकतों का प्रतिनिधि कहना भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत का एक और सबूत है।’’

राहुल गांधी ने कहा, “ये शर्मनाक किसान विरोधी बयान पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत पूरे देश के किसानों का घोर अपमान है, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। किसान आंदोलन वापस लेने के समय बनाई गई सरकारी कमेटी अभी तक ठंडे बस्ते में है, सरकार आज तक एमएसपी पर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर पाई है, शहीद किसानों के परिवारों को कोई राहत नहीं दी गई है और ऊपर से उनका चरित्र हनन भी जारी है।”

उन्होंने कहा, “अन्नदाताओं का अनादर करके और उनकी गरिमा पर हमला करके मोदी सरकार द्वारा किसानों के साथ किया गया विश्वासघात नहीं छिपाया जा सकता। चाहे नरेंद्र मोदी और भाजपा कितनी भी साजिश क्यों न कर लें, भारत किसानों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करेगा।”

कंगना रनौत ने क्या कहा?

पहली बार भाजपा सांसद बनीं कंगना रनौत ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि अगर केंद्र सरकार कार्रवाई नहीं करती तो किसानों के विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप बांग्लादेश जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।

अभिनेता से नेता बनीं ने कंगना रनौत ने एक हिंदी दैनिक के साथ अपने साक्षात्कार की एक क्लिप पोस्ट की थी जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के दौरान “लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे।” भाजपा ने ऐसी टिप्पणी करने के लिए उन्हें फटकार लगाई , उनके विचारों से असहमति व्यक्त की और यह स्पष्ट किया कि रनौत को पार्टी के नीतिगत मामलों पर टिप्पणी करने की न तो अनुमति है और न ही वह इसके लिए अधिकृत हैं।

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