NRHM घोटाले के दो आरोपियों की 23.54 करोड़ रूपए की संपत्ति हुई अटैच

NRHM घोटालेलखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने NRHM घोटाले के दो आरोपियों की 23.54 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। ईडी की कार्रवाई की जद में आने वाले सेवानिवृत्त आइएएस अभय कुमार वाजपेयी और निजी फर्म के मालिक नरेश ग्रोवर हैं।

वर्ष 2010-11 में हुए एनआरएचएम घोटाले में सीबीआइ ने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, पूर्व विधायक आरपी जायसवाल के साथ ही अधिकारी अभय कुमार वाजपेयी और नरेश ग्रोवर को आरोपी बनाया था। इस मामले में सीबीआइ ने एनआरएचएम के तहत यूपी स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन (यूपीएसआइसी) को मेडिकल किट्स के लिए आवंटित फंड के इस्तेमाल में अनियमितताओं के कारण एफआइआर दर्ज करायी थी।

इस एफआइआर के आधार पर ईडी ने केस पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू की थी। मेडिकल किट्स की आपूर्ति करने वाली फर्म मेसर्स सर्जिक्वाइन मेडिक्विप प्राइवेट लिमिटेड के नियंत्रण वाले कई स्थानों पर छानबीन की गई। उसके निदेशकों के आवास की भी तलाशी ली गई जिसमें रेट में हेराफेरी और फर्जी इनवायस बनाने के दस्तावेजी सुबूत मिले।

जांच में पाया गया कि मेडिकल किट्स की आपूर्ति कई गुना ज्यादा रेट पर की गई थी। 32 करोड़ रुपये के फंड में से 21 करोड़ रुपये की बंदरबांट सरकार की नोडल एजेंसी के अफसरों की मिलीभगत से हुई। जांच में यह साक्ष्य भी मिले कि यूपीएसआइसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक अभय कुमार वाजपेयी भी इस बंदरबांट में शामिल थे। अपने बचाव के लिए मेडिकल किट्स के सप्लायर और प्रबंध निदेशक काली कमाई से खरीदी गई संपत्तियों को बेचने के फिराक में थे।

लिहाजा ईडी ने इस मामले में नरेश ग्रोवर की दिल्ली की कोठी और हरियाणा के पानीपत जिले में मेसर्स सर्जिक्वाइन की फैक्ट्री तथा कानपुर के कैंट इलाके में वाजपेयी के एक अपार्टमेंट को सम्बद्ध किया है।

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