बनारस की तर्ज पर अब जगमगाएंगे गोमती नदी के घाट, जानें क्या है प्रशासन का प्‍लान

यूपी के बनारस के गंगा घाटों पर भव्य आरती की मनमोहक तस्वीरें आपने जरूर देखी होंगी, लेकिन ठीक उसी की तर्ज पर अब पीलीभीत प्रशासन के गोमती घाटों को रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग कर आरती कराने की तैयारी में है। गौरतलब है पीलीभीत से लेकर गाजीपुर तक लगभग 900 किमी का सफर तय करने वाली गोमती नदी का उद्गम स्थल यूपी के पीलीभीत के माधोटांडा इलाके में स्थित है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान कई ऋषि मुनियों की तपोभूमि भी रहा है, लेकिन तत्कालीन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते उद्गम स्थल बदहाली को ओर जाता रहा। हालांकि अब पीलीभीत प्रशासन के प्रयासों से एक बार फिर गोमती उद्गम स्थल को अपनी खोई पहचान वापस मिलने जा रही है।

दो अधिकारी बने मां गोमती के भागीरथ
सबसे पहले गोमती उद्गम स्थल की दशा को सुधारने के लिए सन 2018 में डीएम रहे डॉ. अखिलेश मिश्रा ने काफी प्रयास किए और गोमती उद्गम स्थल को एक धार्मिक पर्यटन के रूप में स्थापित किया। इसके बाद सन 2020 में जिले की कमान संभालने वाले डीएम पुलकित खरे ने भी गोमती के पुनरुद्धार में विशेष रुचि दिखाई। खरे ने 51 दिन तक 47 किमी की पदयात्रा कर गोमती की खोदाई कर उसकी धारा को अविरल बनाया, जिससे अब गोमती को प्रदेश के धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर विशेष महत्व मिलता नजर आ रहा है।

झीलों का किया जाएगा सौंदर्यीकरण
गोमती की ओर प्रशासन का विशेष ध्यान है, इसी क्रम में एसडीएम कलीनगर शिखा शुक्ला ने मुख्य झील ( उद्गम स्थल ) के अलावा दो अन्य झीलों ( सहायक झीलें ) के सौंदर्यीकरण की योजना बनाकर उच्चाधिकारियों के साथ पत्राचार शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत झीलों में पैडल बोट, लाइटिंग के साथ ही झील के चारों ओर पाथ-वे बनाया जाएगा। पूरे मामले पर जानकारी देते हुए कलीनगर एसडीएम शिखा शुक्ला ने बताया कि गोमती के पुनरुद्धार के लिए प्रशासन के प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में सौंदर्यीकरण की योजना बनाई गई है, ताकि जल्द से जल्द अमल में लाया जाए, साथ ही गोमती में पर्यटकों की आमद बढ़े।

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