नोबेल विजेता Aung San Suu Kyi को 4 साल की जेल, सेना के ख़िलाफ़ असंतोष भड़काने व कोविड प्रोटोकाल तोड़ने का था आरोप

सेना के ख़िलाफ़ असंतोष भड़काने और कोविड नियमों का उल्लंघन करने के आरेप में दोषी करार देते हुए म्यांमार की अदालत ने सोमवार (6 दिसंबर) को नोबेल पुरस्कार विजेता व म्यांमार की जन नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) को 4 साल की जेल की सज़ा सुनाई है।

म्यांमार में आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार, मतदान में धांधली के आरोपों सहित कई आरोपों में मुक़दमे चल रहे हैं। सैन्य शासन के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों में आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) बड़े नेताओं में से एक हैं। इन तमाम आरोपों में से उन्हें सेना के ख़िलाफ़ असंतोष भड़काने और कोविड नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में दोषी मानाते हुए सज़ा सुनाई गई है।

देश का संविधान किसी को भी जेल की सज़ा सुनाए जाने पर उच्च पद पर आसीन होने या सांसद-विधायक बनने से रोकता है। म्यामांर में नवंबर में हुए चुनाव में सू की (Suu Kyi) की पार्टी को एकतरफ़ा जीत मिली थी और सेना से संबद्ध दल को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में सेना ने मतदान में धांधली का आरोप लगाया था। लेकिन इस आरोप पर स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षकों ने जाँच भी की, जिसमें उन्हें किसी बड़ी अनियमितता नहीं दिखी। सू की (Suu Kyi) के ख़िलाफ़ मामलों को व्यापक रूप से उन्हें बदनाम करने और अगला चुनाव लड़ने से रोकने की साज़िश के रूप में देखा जाता है।

यह भी पढ़ें – अमेरिकी नर्स को 10 साल की जेल, दिव्यांग महिला से दुष्कर्म करने का था दोषी, DNA जाँच से हुआ खुलासा

LIVE TV