NIT की समीक्षा बैठक में लिया गया ये बड़ा फैसला, ऐसे करेंगे पिछड़े गावों का विकास

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) की पहली समीक्षा बैठक ली। बैठक में देश के सभी 31 एनआईटी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट के साथ-साथ 16 जून से ज्वाइंट एडमिशन एलोकेशन के माध्यम से बीटेक प्रोग्राम में दाखिले की जानकारियां भी साझा कीं। केंद्रीय मंत्री ने एनआईटी को इंडस्ट्री की मांग के आधार पर  ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करने का आग्रह किया है, ताकि डिग्री, नालेज के साथ-साथ रोजगार भी मिल सके।

NIT की बैठक

मानव संसाधन विकास मंत्रालय में बुधवार को एनआईटी की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में सभी एनआईटी के डायरेक्टर भी शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी शिक्षा और शोध हमारी मुलभूत समस्याओं के समाधान पर केंद्रित होने चाहिए।  एनआईटी तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई करवाता है। इसलिए उस तकनीक का प्रयोग गांवों के विकास में भी करें। तकनीक और शोध मिलने से गांवों का विकास होगा।

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उन्होंने एनआईटी प्रबंधन से ऐसी तकनीक ईजाद करने का आग्रह किया, जोकि आम आदमी की सुविधा दे सके। इसके अलावा गुणवत्ता बढ़ाने पर भी जोर दिया, ताकि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सौ की सूची में शामिल हो सकें। निशंक ने कहा कि नव भारत के निर्माण के लिए वैज्ञानिक सोच और अनुसंधान बेहद जरूरी है। अमेरिका और यूरोपीय देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि  सामाजिक  आर्थिक विकास की अवधारणा को धरातल पर उतारने में प्रौद्योगिकी संस्थानों की बड़ी भूमिका है।

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