निक़ाहनामा से लेकर क़ब्रिस्तान तक, Sameer Wankhede पर Nawab Malik के नए आरोप

नवाब मलिक (Nawab Malik)ने महाराष्ट्र के मंत्री समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के ख़िलाफ़ उनकी माँ ज़ाहिदा (Zahida) का डेथ सर्टिफ़िकेट शेयर किया है। इस सर्टिफ़िकेट के ज़रिए नवाब मलिक (Nawab Malik)ने यह दावा किया है कि ज़ाहिदा (Zahida) को आशिवारा के क़ब्रिस्तान में दफ़नाया गया था। वानखेड़े (Wankhede) परिवार ने उनके अंतिम संस्कार को लेकर भी फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनवाए। मलिक ने आरोप लगाते हुए कहा की, ‘डेथ सर्टिफ़िकेट में उन्होंने हिंदू लिखा है और अंतिम संस्कार में धर्म मुस्लिम लिखा है। पहला सर्टिफ़िकेट 16 अप्रैल 2015 को बनवाया गया था और दूसरा सर्टिफ़िकेट 17 अप्रैल को।’

Nawab Malik

कुछ दिन पहले ही नवाब मलिक (Nawab Malik)ने समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ‘क़बूल है, क़बूल है, क़बूल है…, यह क्या किया तुने Sameer Dawood Wankhede?’

इस फ़ोटो में समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) किसी मौलवी के साथ बैठे एक क़ाग़ज़, जिसे निक़ाहनामा बताया जा रहा है, पर साइन कर रहे हैं।

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik)ने कुछ दिन पहले ही दावा किया था कि समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के पास नवी मुंबई के वाशी में एक रेस्तराँ और बार है, जिसके लिए 1997 जब वह नाबालिग थे तब लाइसेंस प्राप्त किया था। मलिक (Malik) ने NCB के मुंबई ज़ोन के निदेशक के ख़िलाफ़ आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘सरकारी नौकरी में होने के बावजूद वानखेड़े (Wankhede) के पास बार चलाने का लाइसेंस है, जो सेवा नियमों के ख़िलाफ़ है।’ वानखेड़े (Wankhede) ने मलिक (Malik) के तमाम दावों को ख़ारिज करते हुए कहा कि वह मंत्री के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।

नवाब मलिक (Nawab Malik)का कहना है कि समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के पिता दलित हिंदू हैं और माँ मुस्लिम थीं। उन्होंने मुस्लिम धर्म का ही अनुसरण किया, लेकिन नौकरी पाने के लिए उन्होंने अनुसूचित जाति के फ़र्ज़ी सर्टिफ़िकेट का इस्तेमाल किया और ग़रीब का हक़ मारा।

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