विविधता का एक रूप ये भी, नवरात्र में बंटता है मांस और शराब

नवरात्र हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है. भारत आपकी सोच से कही ज्यादा विविध है. हर फेस्टिवल की अपनी एक अलग मान्यता है. इन दिनों नवरात्र का जश्न हर तरफ मनाया जा रहा है. इसकी भी हर शहर में अलग मान्यता है. कुछ लोग नवरात्र में मांस-मदिरा का सेवन करते हैं वहीं कुछ इसे वर्जित मानते हैं.

उत्तर भारत में नवरात्र आस्था का प्रतीक है. यहां नवरात्र तप और संयम के साथ मनाया जाता है. वहीं गुजरात में ये देवी के युद्ध जीतने का उत्सव है, जिसको वहां के लोग डांडिया और गरबा जैसे नृत्यों के साथ मनाते हैं.

यहां की लोक कथाओं में देवी के महिषासुर वध से पहले मदिरापान का जिक्र आता है, इस बहाने से इन दिनों में रम पीने वालों की कमी नहीं दिखती.

हिमाचल और उत्तराखंड में मान्यता है कि देवी को शराब और मांस बहुत पसंद है, इसलिए देवी की पूजा के लिए मांस का भोग लगता है और प्रसाद बांटा जाता है.

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की तर्कुला देवी में ‘बिना प्याज-लहसुन का मांस’ प्रसाद में बनाने की परंपरा है.

बंगाल में दुर्गा पूजा बेटी उमा के मायके वापस आने का मौका है. जिसकी खुशी में लोग जश्न मनाते हैं. 4 दिन अच्छा खाना खाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं. अपनी बेटी को यहां मां भी मानते हैं. बंगाल में कई परिवारों में पुरुष बच्चियों को मां कह कर ही बुलाते हैं.

LIVE TV