‘हाथी’ से गिरने के बाद ‘साईकिल’ की सवारी को तैयार नसीमुद्दीन सिद्दीकी!
लखनऊ। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बसपा से निष्कासित नसीमुद्दीन सिद्दीकी अपनी सियासी ज़मीन की तलाश में इधर उधर भटक रहे थे। लेकिन कहते हैं न कि सियासत का खेल भी कमाल का होता है। जहां कुछ दिनों पहले तक सिद्दीकी बसपा सुप्रीमो मायावती के बेहद खास हुआ करते थे वहीं अब उन्होंने उनके ही धुर विरोधी माने जाने वाले अखिलेश का दामन थामने के लिए तैयार हैं। ऐसे में संभावनाएं हैं कि वह जल्द ही समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं।
बता दें कि 5 अक्टूबर को बसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अपने हज़ारों समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी के आगरा में होने वाले राज्य स्तरीय अधिवेशन के दौरान पार्टी में शामिल होंगे। इसके अलावा बैठक में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष का भी चुनाव होना है। जहां अखिलेश यादव के अध्यक्ष पद का औपचारिक ऐलान होगा।
ख़बरों के मुताबिक जहां एक ओर नसीमुद्दीन का समाजवादी पार्टी में जाना सपा-बसपा की एकता पर प्रश्न चिन्ह लगा सकता है। वहीं नसीमुद्दीन जैसे बड़े चेहरे के पार्टी में शामिल होने से सामाजवादियों के लिए यह बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।
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बसपा ने दिखाया था बाहर का रास्ता
बसपा ने सिद्दीकी पर पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया था। पार्टी की तरफ से कहा गया कि नसीमुद्दीन ने पश्चिमी यूपी में बेनामी संपत्ति और बूचड़खाने लगाए हैं। इसके अलावा उन्होंने लोगों से बहुजन समाज पार्टी के नाम पर पैसे भी लिए थे।
बता दें कि सिद्दीकी को मुस्लिमों का पैरोकार और बड़े अल्पसंख्यक नेता के रूप में देखा जाता हैं, जिनकी मुसलमानों के बीच अच्छी पैठ है। अब देखना होगा कि समाजवादी पार्टी इसका कितना फायदा उठा पाती है। सिद्दीकी के लिए आगामी लोकसभा चुनाव पहली परीक्षा होगी।
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‘राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा’ का भी किया था गठन
बसपा से पार्टी निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने ‘राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा’ नाम से नई राजनीतिक पार्टी बनाई थी। लेकिन पार्टी से कुछ ख़ास असर न पड़ता देख, अपने सियासी भविष्य को बचाने के लिए समाजवादी के साथ जाना ही सही विकल्प समझा।
मायावती से बताया था खुद को खतरा
पार्टी ने उन्हें गैर कानूनी दखल के कारण निलंबित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने मायावती पर आरोप लागाते हुए कहा था कि वो मुझपर हमला कर सकती हैं।
उन्होंने परिवार की जान को मायावती के लोगों से खतरा बताया था। इस संबंध में उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके अपने लिए Z श्रेणी सुरक्षा की मांग भी की थी।